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पांच महीने में सायबर अपराध के 16 मामले दर्ज
डिजिटल डेस्क, वर्धा। सायबर शाखा से जारी आंकडों के अनुसार, पिछले पांच महीने में सायबर अपराध के 16 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें 6 मामले की गुत्थी को सुलझाया गया है। वहीं इन अपराध में शामिल 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें से प्रोफाइल हैक, अश्लील वीडियो व फोटो वायरल के 4 मामले दर्ज हैं। ऐसे आरोपियों के द्वारा प्रोफाइल हैक करके बदनामी करते हुए लाखों रुपए एैंठे जाते है। बता दे कि, सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सावधानी रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि प्रोफाइल को हैक करके दोस्त रिश्तेदार के इलाज का बहाना बताते हुए हैकर के द्वारा अन्य नागरिकों से पैसे एैंठें जाते है। उनके द्वारा कहा जाता है कि अस्पताल में भर्ती हूं तथा दुर्घटना हो गई। जिसके चलते पैसे की तुरंत जरूरत है। ऐसे संदेश भेजे जाते हैं और लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता है। आज के इस युग में सायबर अपराध करने के लिए सोशल मीडिया माध्यम के रूप में सबसे ज्यादा व्हाट्सएप और फेसबुक इन दो माध्यमों का उपयोग किया जाता है। इन दोनों सोशल मीडिया माध्यम के द्वारा लोगों को फंसाने का काम किया जाता है। लोगों को समय रहते जागरूक होना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक इन सब चीज से अनभिज्ञ होते है इसलिए वे जाल में जल्दी से फंस जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरों में भी पड़े लिखे नागरिक भी इन हैकरों के जाल में फंसते जा रहे है। जिसके चलते हैकरों के द्वारा प्रोफाईल को हैक करके उनके दोस्तों को व रिश्तेदारों को अश्लील तस्वीरें या वीडियो भेजकर बदनाम किया जाता है। आज के दौर में किसी के साथ सोशल मीडिया पर चैटिंग करना भी गुनाह हो गया है। लोगों की प्रोफाईल को हैक करके उनकी जींदगी के साथ खिलवाड़ किया जाता है। बदनामी और पैसे एैंठने के चलते कई लोगों के रिश्ते टुटे है। नागरिकों की मानसिक प्रताडऩा हुई है। इसलिए इन सब से बचने के लिए जागरूक रहना बहुत जरूरी है।
2021 में सायबर अपराध के कुल 47 मामले दर्ज किए गए। जिसमें से 18 मामलों को सुलझाया गया और 22 आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इसमें प्रोफाइल हैक, अश्लील वीडियो व फोटो वायरल कर फंसाने वाले मामले कुल 12 है। सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से शिकायतों में वृद्धि हुई है। आजकल के युवा सोशल मीडिया पर एक्टिव है। ऑनलाइन दोस्ती में हेराफेरी के कारण शिकायतें बढ़ रही है।
फर्जी लिंक को क्लिक न करें
सायबर आर्थिक फसाने वाले #एनी डेस्क और #क्वीक सपोर्ट या रिमोट एक्सेस इस प्रकार से #अल्पेमिक्स यह नया ए्प इंस्टाल कर नागरिकों को इलेक्ट्रीक बिल बताकर फंसाया जाता है। जिसके चलते नागरिकों को आर्थिक रूप से फंसाया जाता है। इसलिए नागरिकों ने किसी भी फर्जी लिंक को क्लिक न करें।
- महेंद्र इंगले, सहायक पुलिस निरीक्षक, सायबर शाखा, वर्धा
Created On :   3 Jun 2022 7:16 PM IST