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दैनिक भास्कर हिंदी: बालाघाट को बनाया जाए बाघों की राजधानी बनाने की उठी मांग

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट जिला न केवल प्राकृतिक सौन्द्रर्य से परिपूर्ण जिला है, अपितु वन्यजीवों के लिए भी जाना और पहचाना जाता है। जिले में बाघों की बहुतायत को देखते हुए जिले को बाघो की राजधानी बनाए जाने की मांग प्रबलवती होने लगी है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल को वन्यजीव प्रेमी एवं समाजसेवी अभय कोचर ने बालाघाट जिले में भारत की अनमोल विरासत बाघों को सहेजने और उससे जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से बालाघाट को बाघों पर अध्ययन का एक बड़ा केन्द्र बनाए जाने का अपना प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि बालाघाट को बाघों की राजधानी के रूप में अंतरित कर पर्यटन एवं अध्ययन को बढ़ावा देने के किलए संस्थानों की स्थापना कर एक बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है। जिसके लिए जिले की परिस्थिति अनुकूल है।
इसके अलावा कोचर ने दिव्यांग सफारी और रेंजर्स कॉलेज को पुन: प्रारंभ किये जाने की भी मांग को रखा। कोचर ने विषयों से जुड़े तथ्य रखते हुए बताया कि भारत के मध्य में स्थिति बालाघाट एक ऐसा जिला है, जहां पर पूरे भारत की अपेक्षा बाघों का घनत्व सर्वाधिक है, बालाघाट से सौ किमी की परिधि में तीन प्रोजेक्ट टायगर एवं 350 किमी की परिधि में 13 प्रोजेक्टर टायगर स्थित है। पूरे भारत में सबसे अधिक बाघों के जीवंत गलियारों का एक बड़ा हिस्सा बालाघाट जिले से होकर गुजरता है, मां वैनगंगा के तलहटी क्षेत्रो में मौजूद जंगलो में पूरे भारत के 55 प्रतिशत बाघों का निवास है, ऐसे में भारत की अनमोल विरासत बाघों को सहेजने एवं उससे जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से बालाघाट को बाघों पर अध्ययन का एक बड़ा केन्द्र बनाया जा सकता है। इस मांग को लेकर वन्यजीव प्रेमी कोचर ने अपेक्षा की कि बालाघाट के तत्कालीन सांसद होने के साथ ही उनका जुड़ाव बालाघाट से है, जिससे अपेक्षा है कि इस विषय पर विशेष रूचि लेकर आप बालाघाट को एक विशेष स्थान दिलाएंगे।
इसके अलावा कोचर ने बताया कि 2017 एवं 2019 में कान्हा टाईगर रिजर्व में समर्पित अधिकारियों द्वारा रूचि लकर दिव्यांग बच्चों को टाईगर सफारी करवाकर एक इतिहास रचा था। जिसे दिव्यांग बच्चों ने अपने जीवन का सबसे बेहतरीन अनुभव बताया था। दिव्यांगों के लिए पार्क के भ्रमण का यह क्रम निरंतर जारी रहें, जिसके लिए सभी आवश्यक सुविधाएं एवं आदेश जारी किए जाएं, जिसमें पार्क के भीतर प्रवेश करने वाले वाहनों में एक वाहन दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रहे एवं उन्हें पार्क से रूबरू कराने के लिए विशेष तौर से प्रशिक्षित गाईड की व्यवस्था कली जाएं। इसके अलावा कोचर ने जिले के बंद रेंजर्स कॉलेज को भी पुन: प्रारंभ किये जाने की मांग की। कोचर ने बताया कि बालाघाट की विरासत रेंजर्स कॉलेज बहुत ही छोटे कारणों से बंद पड़ा है, जबकि पूरे भारत में यह अपने तरह का तीसरा बड़ा संस्थान है और जिले की शान है। हमारी मांग है कि रेंजर्स कॉलेज संबंधित आपत्तियों का निराकरण करवाकर रेंजर्स कॉलेज को पुन: प्रारंभ किया जायें। रेंजर्स कॉलेज में युवाओं को पर्यावरण के करीब लाने एवं संबंधित जानकारियों से अवगत कराने के लिए उद्देश्य से मासिक, त्रैमासिक एवं वार्षिक डिप्लोमा कोर्स को भी प्रारंभ किया जा सकता है, जिसमें पक्षियों, वन्यप्राणियों, पौधों और नेचर फोटोग्राफी का बारिकी से अध्ययन किया जा सकें। उन्होंने बताया कि रेंजर्स कॉलेज में छात्रों के ठहरने की भी पूर्ण व्यवस्था है।
गौरतलब हो कि 18 नवंबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के ससुर स्व. घनश्यामदास मसानी को श्रद्वाजंलि देने केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल गोंदिया पहुंचे थे। जहां से लौटते समय बालाघाट के एक निजी हॉटल में उन्होंने अपने समर्थकों और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कुछ घंटे साथ रहे, इस दौरान जिले से जुड़े विषयों के अलावा और अन्य कई विषयों पर उन्होंने जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जानकारी ली।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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