Balaghat News: वारासिवनी जनपद अध्यक्ष माया उइके का निर्वाचन शून्य घोषित

  • बालाघाट कलेक्टर न्यायालय का बड़ा फैसला
  • जनपद अध्यक्ष ने जनपद सदस्य के विरूद्ध पुलिस में शिकायत करते हुए एसटीएससी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।

Balaghat News: वारासिवनी जनपद पंचायत की अध्यक्ष माया उइके के निर्वाचन को दी गई एक चुनौती के मामले में गुरूवार को कलेक्टर न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। फैसले में न्यायालय ने माया उइके का जनपद सदस्य तथा उसके पश्चात अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन अमान्य करते हुए शून्य घोषित कर दिया।

उल्लेखनीय है किं अध्यक्ष माया उइके तथा जनपद सदस्य जितेन्द्र सिंह राजपूत के बीच हुए विवाद के बाद मामला कलेक्टर न्यायालय में पहुंचा था। जिस पर गुरूवार को फैसला सुनाया गया। गौरतलब है कि आलेझरी के जितेंद्र सिंह पिता दर्शन सिंह ने माया उइके के जनपद सदस्य के रूप में हुए निर्वाचन को अवैध एवं शून्य घोषित करते हुए पद से पृथक किए जाने कलेक्टर न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था।

ऐसे सामने आया मामला

12 नवंबर 2024 को रामपायली मेले की तैयारी बैठक में जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह राजपूत व अध्यक्ष माया उइके के बीच विवाद हुआ था। इसे लेकर जनपद अध्यक्ष ने जनपद सदस्य के विरूद्ध पुलिस में शिकायत करते हुए एसटीएससी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।

जनपद अध्यक्ष ने पुलिस को जो जाति प्रमाण पत्र दिया वह एससी का निकला, जबकि माया उइके एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। इसे आधार बनाकर जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह ने अध्यक्ष माया उइके के निर्वाचन को चुनौती देते हुए कलेक्टर न्यायालय में याचिका दायर की थी।

पूरे प्रदेश पर पड़ेगा इस फैसले का असर

जनपद अध्यक्ष माया उईके नागपुर महाराष्ट्र की हैं। इनका विवाह बालाघाट के वारासिवनी में नांदगांव में एसटी परिवार में हुआ है, जिसके आधार पर उन्होंने पंचायत चुनाव में निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लिया था। लेकिन महाराष्ट्र के जाति प्रमाण पत्र को मध्य प्रदेश में मान्य नहीं किया गया है, जिसके चलते कलेक्टर ने निर्वाचन शन्य कर दिया।

बालाघाट कलेक्टर न्यायालय के आज के ताजा फैसले के बाद न्यायालयों में लंबित कई अन्य मामलों को सुनवाई को बल मिलेगा। इससे कई जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधत्व पर संकट गहरा गया है।

Created On :   6 Jun 2025 1:21 PM IST

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