छिंदवाड़ा: बैल बीमार पड़ा, तो बेटों को ही हल में जोत रहा मजबूर पिता, मचा हड़कंप

Chhindwara: If the bull fell ill, the sons were forced to plow their fathers, created a stir
छिंदवाड़ा: बैल बीमार पड़ा, तो बेटों को ही हल में जोत रहा मजबूर पिता, मचा हड़कंप
छिंदवाड़ा: बैल बीमार पड़ा, तो बेटों को ही हल में जोत रहा मजबूर पिता, मचा हड़कंप


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। लॉक डाउन में सबसे तगड़ी मार किसानों को पड़ी है। पर्याप्त उपज होने के बाद भी उनको न तो बाजार मिल रहा है न ही उपज का भाव। किसानों की हताशा और तंगहाली को उजागर करता एक नजारा शहर के भीतर वार्ड 25 साबलेवाड़ी में नजर आया। यहां बैल के बीमार होने पर किसान ने अपने दो बेटों को ही जोत दिया। करीब ढाई एकड़ के किसान जयदेव दास ने बताया कि आधा एकड़ रकबे में उन्होंने भिंडी की फसल लगाई है। जिसमें खरपतवार उग आई है। उनका एक बैल बीमार है। उठ बैठ नहीं पा रहा है। खरपतवार बढ़े न इसलिए उन्होंने अपने बेटे नामदेव (29) और राजेश (26) के कंधों पर हल रखवाया और डोरा चलाकर सफाई की। यह बात जब सामने आई तो शनिवार सुबह से ही मीडिया, प्रशासन और नेताओं का जमावड़ा किसान के घर पर हो गया।
गोभी और भटे की फसल में हुआ नुकसान-
किसान जयदेव दास ने बताया कि करीब 1 एकड़ में लगी फूल गोभी की फसल लगाई थी। जो लॉकडाउन के कारण बिकी ही नहीं। खेतों में फसल सड़ गई। गोभी में 60 से 70 हजार का नुकसान उठाना पड़ा। अभी 1 एकड़ में ही भटे की फसल लगी है। दो बार दस-दस कट्टी भटे लेकर मंडी गए, लेकिन वहां एक दो बोरी ही बिक पाई। बाकी बोरियां नगरनिगम की कचरा ट्राली में डालकर गौशाला भेज दी गई।
कृषि अभियांत्रिकी से ट्रेक्टर पहुंचा-
किसान के घर का नजारा पीपली लाइव फिल्म की तर्ज पर था। अधिकारी, नेता और मीडिया कर्मियों की भीड़ जमा हो गई थी। हड़कंप मचने पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने कृषि अभियांत्रिकी के जरिए किसान के घर ट्रैक्टर पहुंचवाया। ट्रैक्टर के साथ आए विभाग के कर्मचारी ने 650 रुपए प्रति घंटे का खर्च बताया। जिस पर किसान जयदेव ने इनकार कर दिया। करीब दो घंटे तक टै्रक्टर खड़ा रहा, फिर बिना काम किए ही लौट गया। किसान का कहना था कि वह इतने रुपए खर्च नहीं कर सकता।  
कांग्रेस ने दी 5 हजार रुपए की सहायता-
किसान के घर साबलेवाड़ी पहुंचे जिला कांग्रेस अध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी ने सांसद कमलनाथ और नकुलनाथ की ओर से किसान जयदेव दास को 5 हजार रुपए की सहायता राशि भेंट की। इस दौरान पार्षद दीपा योगेश साबले, पंकज शुक्ला, अजय साहू और विजय मले सहित अन्य उपस्थित थे। नेताओं ने किसान व उसके परिवार के सदस्यों से चर्चा की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इनका कहना है-
किसान के घर जाकर वस्तु स्थिति देखी है। किसान के पास ढाई एकड़ सिंचित भूमि है। वह सब्जी का ही उत्पादन करता है। डोरा चलाने के लिए यंत्र किसान ने जुगाड़ से बनाया है। इसे हाथ से ही खींचा जा सकता है। बैल की जरूरत नहीं है। कलेक्टर के निर्देश पर विभाग ने एक ट्रैक्टर भिजवाया, लेकिन किसान ने किराया देने से मना कर दिया।
- जेआर हेड़ाऊ, डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर

Created On :   23 May 2020 11:27 PM IST

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