ऐन दीपपर्व दिवाली के मुहाने पर जलापूर्ति योजनाओं के कनेक्शन कटे

Connection of water supply schemes cut off at the mouth of Ain Deepparva Diwali
ऐन दीपपर्व दिवाली के मुहाने पर जलापूर्ति योजनाओं के कनेक्शन कटे
जल कर वसूली ऐन दीपपर्व दिवाली के मुहाने पर जलापूर्ति योजनाओं के कनेक्शन कटे

डिजिटल डेस्क, अकोला। ऐन दिवाली के मुहाने पर बिजली विभाग ने जिला परिषद अंतर्गत चलाई जानेवाली प्रादेशिक जलापूर्ति योजनाओं के बिजली कनेक्शन कांट दिए है। जिस कारण अब उक्त क्षेत्रों के नागरिकों को जलकिल्लत का सामना करना पड़ सकता है। संबंधित विभाग की लापरवाही की वजह से इन जलापूर्ति योजनाओं की जल कर वसूली नहीं हो पाई है जिस कारण जिप प्रशासन बिजली विभाग को बिजली बिल अदा नहीं कर पा रही है। अकोला जिला परिषद की ओर से चलाई जानेवाली प्रादेशिक जलापूर्ति योजनाओं का बिजली बिल बकाया होने से महावितरण की ओर से 84 गांव जलापूर्ति योजना, घुसर जलापूर्ति योजना समेत कुछ प्रादेशिक जलापूर्ति योजना के बिजली कनेक्शन कांट दिए गए हैं। हालांकि महावितरण की ओर से जिप के सीईओ को चेतावनीभरा पत्र जारी किया गया था। गत तीन माह से दी जा रही सूचना को गंभीरता से न लेने की वजह से महावितरण की ओर से बिजली कनेक्शन कांट दिया गया है। दरअसल जल कर वसूली न होने की वजह से जिप को राशि करने में परेशानी आ रही है। जलकर वसूली को लेकर अनेक बार जिला परिषद की स्थायी समिति की सभा, विषय समिति की सभा में जिप सदस्यों द्वारा मुद्दा उपस्थिति किया गया किन्तु वसूली का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 52 से 55 करोड़ रुपए बकाया है जबकि वसूली 1 करोड़ की भी नहीं है।

बार-बार बिजली कटौती

बिजली विभाग की ओर से अनेक बार बकाया बिजली बिल अदा करने को लेकर जिला परिषद को चेतावनी दी जाती है लेकिन चेतावनी को अनदेखी करने से बिजली विभाग कनेक्शन कांट देता है। जिससे नागरिक जलकिल्लत का सामना करते हैं। फिर चंद राशि भरी जाति है उसके बाद कनेक्शन वापस जोड़ दिया जाता है। ऐसे मामले एक वर्ष में दो से तीन बार हो चुके हैं।

लाचार जिप शासन, वसूली ना के बराबर

बजिला परिषद की जल कर वसूली पंचायत विभाग की ओर से की जाती है लेकिन हर बार जल कर वसूली 95 प्रतिशत से अधिक बकाया रह जाती है। याने वसूली 5 से 7 प्रतिशत के बीच ही की जाती है। इस बार तो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 से 3 प्रतिशत भी वसूली नहीं की गई। संबंधित विभाग वसूली में फिसड्‌डी साबित होने से जिप प्रशासन पैसे अदाईगी के लिए लाचार नजर आ रही है।

Created On :   27 Oct 2021 5:44 PM IST

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