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विभागीय आयुक्त के फैसले पर टिकी जिप सदस्यों की निगाहें

डिजिटल डेस्क, अकोला। जिला परिषद के दो सभापति पद के चुनाव को आवाहन देनेवाली याचिका पर 21 दिसम्बर काे विभागीय आयुक्त के समक्ष सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हुई। दोनों पक्षों की ओर से अधिवक्ताओं ने दलीलें पेश की। अब इस मामले में विभागीय आयुक्त क्या फैसला सुनाते है इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। जिला परिषद में ओबीसी कैटेगरी से चुनकर आए 14 सदस्यों को सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के बाद अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी। जिसमें दो सभापति को भी अपने सभापति पद के साथ सदस्यता गंवानी पड़ी थी। इसके बाद उपचुनाव संपन्न करवाए गए। उपचुनाव होने के बाद सभापति पदों पर चुनाव के लिए 20 अक्टूबर को विशेष सभा आयोजित करने के लिए नोटिस जारी की गई। 21 अक्टूबर को जिला परिषद सदस्यों को नोटिस जारी करने के लिए जिप आवक-जावक विभाग को भेजा गया। इसके द्वारा 29 अक्टूबर को विशेष सभा का आयोजन कर जिला परिषद अकोला के विषय सिमिति सभापति पद के चुनाव, महिला व बालकल्याण समिति सभापति पद के लिए नीता संदीप गवई को 26 अक्टूबर को यह नोटिस जारी की गई। जबकि जिप व पंस अधिनियम 1961 की धारा 111(4) के तहत सभा की नोटिस 10 दिन पूर्व मिलना आवश्यक है। इसलिए यह विशेष सभा पूरी तरह से गलत तरीके से होने का आरोप लगाया गया। इस मसले पर विभागीय आयुक्त से शिकायत की गई थी। जिस पर मंगलवार को विभागीय आयुक्त के समक्ष सुनवाई हुई। अब विभागीय आयुक्त क्या फैसला सुनाते है इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
Created On :   23 Dec 2021 6:46 PM IST