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टीबी मुक्त जिला बनाने दस दलों का गठन

डिजिटल डेस्क, अकोला। टीबी अर्थात तपेदिक के नए मामलों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी नीति तैयार की है। इस बीच, इन जिलों द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन केंद्रीय टीम द्वारा किया जाएगा। जिन जिलों ने तपेदिक उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य किया है वे पुरस्कार के लिए पात्र रहेगी ऐसी जानकारी जिला क्षयरोग अधिकारी डा हरि पवार की ओर से दी गई है।टीबी उन्मूलन के लिए जिला स्तर पर विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि राज्य में टीबी के मरीजों की संख्या घटती जा रही है। टीबी उन्मूलन उपायों के मामले में अकोला जिला वर्तमान में महाराष्ट्र में पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश के राज्य और जिले टीबी उन्मूलन का दर्जा हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों और जिलों को केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए 2015 में टीबी की मौजूदा स्थिति की तुलना में वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखा जाएगा। पुरस्कार के लिए, केंद्र सरकार ने राज्यों और जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है, अर्थात् कांस्य के लिए (20 प्रतिशत प्रगति), रजत (40 प्रतिशत प्रगति) और स्वर्ण (60 प्रतिशत प्रगति) ऐसी तीन श्रेणियां रखी गई है। राज्य में कांस्य पदक प्राप्त करनेवाले जिले को 2 लाख रुपये से सम्मानित किया जाएगा, जबकि राज्य को 25 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा । रजत पदक हासिल करनेवाले राज्य 50 लाख रुपए तथा जिले को 3 लाख रुपए जबकि स्वर्ण पदक हासिल करनेवाले राज्य को 75 लाख रुपये और जिले में क्रमश: 5 लाख रुपये रुपए का इनाम दिया जाएगा। उच्चतम श्रेणी (80 प्रतिशत प्रगति) में टीबी मुक्त राज्य को एक करोड़ रुपये और जिले को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। जिला क्षयरोग अधिकारी डा हरि पवार ने दी जानकारी के अनुसार जिले में इस योजना का सफल रुप से चलाने व जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए 10 दलों का गठन किया गया है।
Created On :   22 Feb 2022 5:12 PM IST