कलेक्‍टर श्री जितेन्‍द्र सिंह राजे की अध्‍यक्षता में जिला स्‍तरीय निर्यात प्रोत्‍साहन समिति की बैठक सम्‍पन्‍न

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
कलेक्‍टर श्री जितेन्‍द्र सिंह राजे की अध्‍यक्षता में जिला स्‍तरीय निर्यात प्रोत्‍साहन समिति की बैठक सम्‍पन्‍न

डिजिटल डेस्क, नीमच। कलेक्‍टर कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्‍टर श्री जितेन्‍द्रसिंह राजे की अध्‍यक्षता में जिला स्‍तरीय निर्यात प्रोत्‍साहन समिति की बैठक गुरूवार को आयोजित की गई। बैठक में जिले को ‘’निर्यात हब’’ के रूप में विकसित करने एवं निर्यात को बढ़ावा देने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में महाप्रबंधक, उद्योग एवं समिति के सदस्‍यगण उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि नीमच जिले में कृषि उपज मण्‍डी में अजवाईन, धनियां, लहसुन, इसबगोल एवं अन्‍य कृषि उपज आदि की प्रचुर मात्रा में आवक होती है। इन उत्‍पादों की प्रोसेसिंग कर उनका निर्यात किया जा सकता है। इसके अतिरिक्‍त नीमच जिले में हर्बल उत्‍पाद अश्‍वगंधा, ऑवला एवं गिलोय का उत्‍पादन भी होता है। इनके निर्यात की भी संभावनाएं है। इस पर कलेक्‍टर श्री राजे ने बताया कि वर्तमान में नीमच जिले में पृथक से हर्बल मण्‍डी बनाने की कार्यवाही प्रचलित है। उद्योगपतियों द्वारा बताया गया कि खाद्य अधिनियम में बहुत से ऐसे प्रावधान है जिनके कारण समस्‍या आती है। इनमें परिवर्तन होना चाहिए। जैसे:- धनियां को प्रिजर्व करने के लिये। सल्‍फरवॉश करना जरूरी होता है तथा 150 मिलीग्राम तक सल्‍फरवॉश की FSSAI के नियम में भी अनुमति है। किंतु खाद्य विभाग द्वारा जब सल्‍फरवॉश वाले धनिये का सेम्‍पल लिया जाता है। तो इसे मिलावट माना जाता है। उद्योगपतियों ने सुझाव दिया कि गुजरात और राजस्‍थान के मुकाबले बिजली दर बहुत अधिक है जिससे उत्‍पाद की कीमत बढ जाती है एवं अन्‍य राज्‍यों के उत्‍पादों से प्रतिस्‍पर्धा नहीं कर पाते है। कलेक्‍टर श्री राजे द्वारा ओद्योगिक क्षैत्र, झांझरवाड़ा में कम निवेश के कारणों के संबंध में चर्चा की गई है। उद्योगपतियों द्वारा बताया गया कि ओद्योगिक क्षैत्र, झांझरवाड़ा कृषि उपज मण्‍डी से दूर है। इसलिए परिवहन लागत ज्‍यादा आती है। हर्बल उत्‍पादन को प्रोत्‍साहन देने के सुझाव भी उद्योगपतियों द्वारा दिए गये।

Created On :   5 Dec 2020 8:21 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story