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नीमच जिला जला अभावग्रस्त क्षैत्र घोषित कलेक्टर ने लगाया नलकूप खनन पर प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नीमच। कलेक्टर श्री जितेन्द्रसिंह राजे द्वारा म.प्र.पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 एवं 4 तथा संशोधित अधिनियम 2002 की धारा 4 (ख) 1 के अन्तर्गत नीमच जिले में आमजन की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति एवं समान जल प्रदाय व्यवस्था बनाए रखने के उददेश्य से सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्र को जल अभावग्रस्त क्षैत्र घोषित किया गया है। म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत तत्काल प्रभाव से 30 जून 2021 तक जिले में प्रतिबंध एवं नियम लागू रहेगें। इसके तहत जिले की सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षैत्रों में किसी भी प्रायोजन के लिए प्राईवेट (निजी) नलकूप खनन कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। आवश्यकतानुसार निजी पेयजल स्त्रोत के अधिग्रहण का अधिकार, सभी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को रहेगा। कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को उनके क्षैत्रान्तर्गत विशेष परिस्थिति तथा अपरिहार्य प्रकरणों में उचित जॉच उपरांत अनुज्ञा देने के लिए प्राधिकृत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी अनुज्ञा देने से पूर्व आवश्यक जॉच उपरांत संबंधित क्षैत्र के सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग से अभिमत, अनुसंशा प्राप्त करेगें। उपरोक्त आदेश का उल्लघंन करने वालों के विरूद्ध म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय कार्यवाही की जा सकेगी एवं दो हजार रूपये का जुर्माना या दो वर्ष का कारावास अथवा दोनो हो सकते है। उपरोक्त प्रावधानों को प्रभावी कारगर रूप से कार्यान्वित करने का दायित्व संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस, कार्यपालन यंत्री,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग एंव उप संचालक कृषि नीमच म.प्र. का होगा। उपरोक्तानुसार आदेश तत्काल भाव से लागू होगा।
Created On :   7 Nov 2020 3:04 PM IST