पेंच टाइगर रिजर्व : टूरिस्ट वाहनों पर GPS से रखी जाएगी नजर

Pench tiger reserve : Vehicles will be monitored by GPS
पेंच टाइगर रिजर्व : टूरिस्ट वाहनों पर GPS से रखी जाएगी नजर
पेंच टाइगर रिजर्व : टूरिस्ट वाहनों पर GPS से रखी जाएगी नजर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेंच टाइगर रिजर्व के टूरिस्ट वाहनों के रूट और स्पीड पर नजर रखने प्रबंधन ग्लोबल पेट्रोलिंग सिस्टम (GPS) का सहारा ले रहा है। एक अक्टूबर से खुलने जा रहे पार्क के गेट से निकलने वाली हर जिप्सी में GPS लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। जिन वाहनों में GPS नहीं होगा उन्हें पार्क में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पेंच पार्क प्रबंधन ने इसकी तैयारी कर ली है। 

इसके तहत प्रबंधन सिर्फ उन वाहनों में GPS लगाएगा जो पार्क से रजिस्ट्रर्ड होंगे। सिस्टम के तहत निर्धारित रूट और स्पीड से टूरिस्ट वाहन से भटकते ही वाहनों पर नियंत्रण रखने कंट्रोल रूम से निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। सिस्टम के मुताबिक वाहन चालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। पार्क के अंदर वन्यप्राणियों को करीब से दिखाने जिप्सी चालक प्रबंधन के नियमों का उल्लंघन कर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर लेते हैं। वन्यजीवों को देखने एक ही जगह पर सभी वाहन एकत्र हो जाते हैं। ऐसी अव्यवस्था को रोकने प्रबंधन ने GPS का सहारा लिया है। वन्यजीवों से वाहन और पर्यटकों की पर्याप्त दूरी बनाने जो गाइड लाइन तैयार की गई है उसका उल्लंघन करते ही वाहन चालकों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।

जांच और कार्रवाई होगी आसान
पार्क के अंदर वाहनों की धमाचौकड़ी से पर्यटकों को होने वाली समस्याओं की प्रबंधन को शिकायतें मिलती हैं। इन शिकायतों के आधार पर प्रबंधन संबंधित के बयान दर्ज कर कार्रवाई करता था, लेकिन GPS के माध्यम से नियमों को दरकिनार करने वाले वाहन चालकों की लोकेशन हासिल की जाएगी। जिसके आधार पर लापरवाह वाहन चालक पर कार्रवाई की जा सकती है। पेंच पार्क फील्ड डायरेक्टर शुभरंजन सेन का कहना है कि टूरिस्ट वाहन चालकों पर नियंत्रण रखने के लिए GPS लगाए जा रहे हैं। प्रबंधन को अक्सर शिकायतें आती थी कि पार्क के अंदर वाहनों की स्पीड काफी अधिक होती थी। अब GPS से रूट और स्पीड पर लगाम कसी जा सकेगी।

पर्यटकों के भ्रमण के लिए 88 जिप्सी
पेंच पार्क के टुरिया, कर्माझिरी और जमतरा गेट से दो शिफ्टों में रोजाना 88 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। बीते वर्ष 88 जिप्सी से 78 हजार 235 पर्यटकों को पार्क की सैर कराई गई। इनमें से 7 हजार 505 पर्यटक विदेशी थे। पार्क प्रबंधन को पर्यटकों से मिलने वाले शुल्क से 2 करोड़ 74 लाख 30 हजार 460 रुपए का राजस्व मिला था।
 

Created On :   24 Sep 2017 8:30 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story