ग्रामीण अस्पताल में प्रसूति के दौरान गर्भवती की मौत, पति ने लगाया लापरवाही का आरोप

Pregnant dies during delivery in rural hospital, husband alleges negligence
ग्रामीण अस्पताल में प्रसूति के दौरान गर्भवती की मौत, पति ने लगाया लापरवाही का आरोप
नरखेड़ ग्रामीण अस्पताल में प्रसूति के दौरान गर्भवती की मौत, पति ने लगाया लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, नरखेड़. बच्चे को जन्म देने के कुछ घंटे बाद ही महिला की मौत हो गई। घटना शुक्रवार 19 अगस्त को नरखेड़  ग्रामीण अस्पताल में हुई। इस बीच डॉक्टरों की लापरवाही से पत्नी की मौत का आरोप लगाते हुए पति सूरज ढोके ने नरखेड़ पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के अनुसार शालिनी ढोके (33) को प्रसव वेदना के बाद डिलीवरी के लिए नगर के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति नॉर्मल एवं प्रसूति का समय शुरू होने से यहां कार्यरत डॉ. जयंत कोहाड़ के मार्गदर्शन में नॉर्मल डिलीवरी की गई। महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रसूति के बाद रक्तस्राव बंद नहीं हो रहा था। जिसके बाद महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए नागपुर के सरकारी अस्पताल रवाना किया। नागपुर जाते समय तबीयत और बिगड़ने से परिजन महिला को  काटोल के ग्रामीण अस्पताल ले गए। जहां प्राथमिक जांच के दौरान डॉक्टरों ने शालिनी को मृत घोषित कर दिया। शालिनी का शव काटोल से नरखेड़ ग्रामीण अस्पताल लाया गया। जहां अस्पताल प्रशासन ने नरखेड़ पुलिस को सूचना देकर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पति सूरज ढोके ने आरोप लगाया कि, अनुभव नहीं होने पर भी  डॉक्टर ने प्रसूति की। बच्चे के जन्म के बाद नाल सही ढंग से नहीं काटने व अधिक खींचतान से शालिनी की तकलीफ बढ़ गई थी। घटना की जांच के लिए नागपुर के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीएस मड़ावी एवं डॉ. संजय उजैनकर नरखेड़ पहुंचे। जहां उन्होंने बताया कि, 30 से 33 वर्ष की महिलाओं में प्रसूति हाईरिस्क जोन में आती है। गर्भवती की प्रतिकार शक्ति कम होने से डिलीवरी के बाद रिस्क अधिक होता है। वहीं पेशंट के उपचार कार्ड एवं रिकार्ड की जांच कर प्रसूति प्रक्रिया सही ढंग से होने की जानकारी दी गई।
 

Created On :   21 Aug 2022 1:29 PM GMT

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