RBI ने चंदा कोचर को नौकरी से बर्खास्तगी की मंजूरी को सही ठहराया

RBI justified the approval of Chanda Kochhars dismissal in HC
RBI ने चंदा कोचर को नौकरी से बर्खास्तगी की मंजूरी को सही ठहराया
RBI ने चंदा कोचर को नौकरी से बर्खास्तगी की मंजूरी को सही ठहराया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) ने बांबे हाईकोर्ट में ICICI बैंक की पूर्व मुख्यकार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर को नौकरी से बर्खास्त करने से जुड़ी अपनी मंजूरी को उचित व न्यायसंगत बताया है। कोर्ट में दायर हलफनामे में RBI ने स्पष्ट किया है कि उसकी मंजूरी देने का निर्णय कानूनी दायरे के तहत लिया गया है। इसे मनमानीपूर्ण नहीं माना जा सकता है। RBI ने यह हलफनामा कोचर की ओर से दायर की गई याचिका के जवाब में दायर किया है। याचिका में कोचर ने ICICI द्वारा उन्हें पद से हटाए जाने के निर्णय को चुनौती दी है।

याचिका में  कोचर ने दावा किया गया है कि उन्हें रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की मंजूरी के बिना हटाया गया है। यह बैकिंग रेग्युलेशन कानून की धारा 35 बी के खिलाफ है। इसके साथ ही ICICI ने मुझे तय हुए पारिश्रमिक का भी भुगतान नहीं किया है। याचिका में कोचर ने दावा किया है कि मुझे पद से हटाने का निर्णय कानून की दृष्टि से अवैध है और यह मेरे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। 

न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावड़े की खंडपीठ के सामने आरबीआई ने हलफनामा में कहा है कि इस मामले में याचिकाकर्ता (कोचर) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है। आरबीआई ने किसी दुराशय के चलते उनके बर्खास्ती से जुड़ी निर्णय को मंजूरी नहीं दी है। याचिका में आरबीआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी थी। लिहाजा आरबीआई कर्मचारी व नियोक्ता से जुड़े विवाद में नहीं पड़ना चाहता है। इस दौरान आरबीआई व आईसीआईसीआई बैंक के वकील ने कहा कि कोचर की ओर से दायर की गई याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

वहीं कोचर के वकील विक्रम नानकानी व सुजय कांटावाला ने कहा कि उनके मुवक्किल की बर्खास्तगी का निर्णय नियमों के खिलाफ है। क्योंकि उन्होंने पहले स्वेच्छा सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया था। जिसे बैंक ने स्वीकार कर लिया था। ऐसे में पद से बर्खास्त करने का निर्णय अनुचित है। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 

कोचर बैंक से अप्रैल 1984 में प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में जुड़ी थी। मई 2009 में कोचर को बैंक प्रबंध निदेशक व मुख्यकारी नियुक्त किया गया था।  इस बीच सेवानिवृत्त न्यायामूर्ति श्रीकृष्णा की रिपोर्ट के आधार पर बैंक ने कोचर को पद से हटा दिया गया था। कोचर पर वीडियोंकान कंपनी को कर्ज देने के मामले में आरोप लगे थे। 
 

Created On :   18 Dec 2019 3:25 PM GMT

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