चिंतन शिविर में बोलीं सोनिया- संगठन में बदलाव समय की जरूरत

Sonia said in Chintan Shivir - need of the hour change in organization
चिंतन शिविर में बोलीं सोनिया- संगठन में बदलाव समय की जरूरत
सरकार पर बड़े आरोप चिंतन शिविर में बोलीं सोनिया- संगठन में बदलाव समय की जरूरत

डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर में शुक्रवार से कांग्रेस के तीन दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ का आगाज हुआ। चिंतन शिविर के पहले दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने उद्घाटन भाषण में पार्टी के रोडमैप का खाका खींचा और कहा कि कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है। उन्होने पार्टी से नाराज लोगों से कहा कि वे खुलकर संवाद करें। उन्होने कहा है कि अभूतपूर्व परिस्थितियों का सामना अभूतपूर्व कदम उठाकर करना होता है और अब हम यही करने जा रहे हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि चिंतन शिविर हमें उन कई चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर देता है, जो देश भाजपा और आरएसएस की नीतियों के परिणामस्वरूप सामना कर रहा है। यह राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में ‘चिंतन’ और हमारे पार्टी संगठन के बारे में सार्थक ‘आत्मचिंतन’ दोनों का है। उन्होने कहा कि संगठन में बदलाव समय की जरूरत है, हमें अपने काम करने के तरीके को बदलने की भी जरूरत है। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि इस बैठक के बाद, बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए और वह है संगठन की मजबूती, दृढ़ निश्चय और एकता का संदेश। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं, न ही हम कठिनाइयों के उस संघर्ष से अनजान हैं, जिसका हमें सामना करना है। हम देश की राजनीति में पार्टी को एक बार फिर से उस भूमिका में ले आएंगे, जो पार्टी ने हमेशा निभाई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम यहां ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन हम यह तय करें कि यहां से बाहर निकलेंगे, तब एक नए आत्मविश्वास, नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता से प्रेरित से होकर निकलेंगे। 

‘पार्टी ने बहुत दिया, अब कर्ज उतारने का वक्त’

सोनिया ने कहा, ‘हम बड़े व सामूहिक प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं। हमें निजी आकांक्षाओं को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा’। उन्होने कहा, ‘पार्टी ने बहुत दिया है, अब कर्ज उतारने का वक्त आ गया है। एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है। हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है। उन्होने कहा कि हमें सुधारों की सख्त जरूरत है और यह सबसे बुनियादी मुद्दा है’।

डर और असुरक्षा के भाव में जी रहे हैं लोग : सोनिया

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने ध्रुवीकरण की राजनीति को स्थायी बना लिया है। लोग डर और असुरक्षा के भाव में जी रहे हैं। अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ का अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना। उन्होने कहा कि हमारे समाज के बहुलवाद को निशाना बनाया जा रहा है। राजनीतिक विरोधियों को डराया-धमकाया जा रहा है और लोकतंत्र के सभी स्तंभों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

अंतिम दिन होगा राहुल गांधी का संबोधन 

चिंतन शिविर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अजय माकन आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला सहित पार्टी के 400 से अधिक नेता मौजूद रहे। राहुल गांधी शिविर के अंतिम दिन रविवार को अपना संबोधन देंगे। चिंतन शिविर में संगठन की खामियों के अलावा जिन अन्य विषयों पर चर्चा होगी, उनमें देश के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, कृषि और युवाओं से जुड़े मसलें शामिल हैं। पार्टी इन मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण देश के सामने रखेगी और उसका प्रयास होगा कि इन्हीं मुद्दों के जरिए देश की राजनीति में प्रभावी भूमिका निभाने का रोडमैप तैयार हो।
 

Created On :   13 May 2022 3:00 PM GMT

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