पशु विज्ञान संस्था में हुआ टेस्ट ट्यूब बकरियों का जन्म

Test tube goats born in Akolas Animal Science Institute
पशु विज्ञान संस्था में हुआ टेस्ट ट्यूब बकरियों का जन्म
अकोला पशु विज्ञान संस्था में हुआ टेस्ट ट्यूब बकरियों का जन्म

डिजिटल डेस्क, अकोला। आधुनिक पशुपालन में बकरी पालन का बड़ा महत्व है। बकरी को गरीबों की गाय भी कहा जाता है। क्योंकि परिवार की दूध की जरुरत व जरुरत पड़ने पर बकरी बेचकर पैसे कमाने का आसान साधन के रूप में इसे देखा जाता है। महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान संस्था नागपुर के अंतर्गत स्नातकोतर पशु विज्ञान संस्था के पशु प्रजनन, स्त्री रोग व प्रसुतिशास्त्र विभाग ने टेस्ट टयूब बकरी इस अनुसंधान में सफलता प्राप्त की है। इस प्रोजेक्ट के प्रमुख डा.चैतन्य पावसे ने इस अनुसंधान व टेस्ट टयूब बकरी निर्माण को लेकर जानकारी दी है। कि संस्था ने अनुसंधान करने के साथ ही पीकेवी के पशु संवर्धन विभाग में रखी हुई बकरियों को चुनाव कर इस प्रयोग में सफलता प्राप्त की है। प्रत्यारोपित किए गए बकरियों की इस प्रयोग के बाद जांच करने पर पता चला कि 6 में से एक बकरी ने 149 दिन के पश्चात टेस्ट टयूब बच्चों को जन्म दिया जिसमें दो नर तथा एक मादा बकरी है। डा.चैतन्य पावशे ने संस्था के इस अनुसंधान तथा प्रत्यक्ष रूप से टेस्ट टयूब बकरी वर्गीय बच्चों के निर्माण को लेकर अाधुनिक तकनीक तथा इसके निर्माण कार्य को लेकर विस्तृत जानकारी दी है। डा.पावशे ने बताया कि इस अनुसंधान के लिए प्रोत्साहन तथा अनुसंधान निधि महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विवि नागपुर के उपकुलपति डा.आशीष पातूरकर व अनुसंधान संचालक प्रा.डा.नितीन कुरकुरे ने मार्गदर्शन किया है।

Created On :   13 Oct 2021 6:55 PM IST

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