चीता पुनर्वास एवं वन्यजीव जागरूकता पर कार्यशाला

Workshop on Cheetah Rehabilitation and Wildlife Awareness
चीता पुनर्वास एवं वन्यजीव जागरूकता पर कार्यशाला
रामटेक  चीता पुनर्वास एवं वन्यजीव जागरूकता पर कार्यशाला

डिजिटल डेस्क, रामटेक। भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को पुनः बहाल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ऐसे में चीता के बारे में उत्सुकता बढ़ गई है। चीता पुनर्वास एवं वन्यजीव जागरूकता के बारे में जानकारी देने हेतु रामटेक के नरेंद्र तिड़के कॉलेज में कार्यशाला का आयोजन किया गया। भारत में शनिवार 17 सितंबर को अफ्रीकन चीते को मध्यप्रदेश के कुना नैशनल पार्क में दोबारा स्थापित किया जाएगा। कार्यशाला की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संगीता टक्कामोरे ने की। बतौर मार्गदर्शक पूर्व पेंच टाइगर रिजर्व के रेंज ऑफिसर मंगेश ताटे, राहुल शिंदे आदि मौजूद थे। राहुल शिंदे ने चीता के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। वहीं मंगेश ताटे ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं  से अवगत कराया। अफ्रीकी देश नामिबिया से भारत में चीते लाए जा रहे है। मध्य प्रदेश के अभ्यारण्य में पांच मेल और तीन फिमेल को लाया जाएगा। यह दुनिया की पहली परियोजना है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अवधारणा से साकार किया जा रहा है। ताटे ने छात्रों के सवालों का जवाब भी दिया। प्राचार्य डॉ. टक्कामोरे ने कॉलेज में मेघदूत नेचर कमेटी द्वारा चलाए जा रहे प्रकृति कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष कॉलेज में 200  पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम में पेंच टाइगर रिजर्व के आजीविका अधिकारी आमीर तुराले, खारवे, नागरगोजे आदि मौजूद थे। संचालन प्रा. डॉ. श्रीकांत भोटे ने किया। परिचय प्रा.स्वप्निल मंगे ने और आभार प्रो. अंबरीश ठाकरे ने माना। सफलतार्थ प्रा.कल्पना पटेल, डॉ.बालासाहेब लाड, प्रा. गजानन रेवतकर, नरेश अंबिलकर, विक्की कुचेकर आदि ने प्रयास किया।

Created On :   17 Sep 2022 11:53 AM GMT

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