पातूर: सोयाबीन, कपास, तुअर उत्पादकों का बीमा करें मंजूर

सोयाबीन, कपास, तुअर उत्पादकों का बीमा करें मंजूर
फसल घर तक लाने के लिए किसानों की जद्दोजहद

डिजिटल डेस्क, आलेगांव, अब्दुल जफर | पातूर तहसील के आलेगांव, पिपलडोली, चिचखेड, सावरगांव, राहेर, उमरा, पिंपलखुटा आदि परिसर में हुई बेमौसम बारिश से किसानों का भारी नुकसान हुआ। फलस्वरूप कपास, चना फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। तुअर और कपास को कुछ स्थानों पर अंकुर फुटने लगे है। जिससे कपास का वजन घटकर मजदूर को मजदुरी से कपास चुनने को नहीं पूर रहा है। जिससे फसल बीमा करवाने वाले किसानों को बीमा मंजूर करने की मांग जोर पकड़ रही है। शुरूआत में अतिवृष्टि से सोयाबीन फसल का भारी नुकसान हुआ। लेकिन सोयाबीन को भी संपूर्ण बीमा मंजूर कराया जाए। जिससे इस रबी के मौसम में कपास फसल आधार देगा ऐसी उम्मीद किसानों को थी। किसानों ने कपास, तुअर फसल की मशक्कत के लिए खर्च किया हुआ महंगा खाद, औषधियों का छिड़काव किया। दौरान परिसर में कपास चुनाई के लिए आने के बाद किसानों की कपास चुनने की जद्दोजहद शुरू है। बेमौसम बारिश से कपास, तुअर उत्पादकों का सपना धूल में मिला है। बारिश से खेत का कपास, तुअर गीली हुई।

विनोद राऊत, जिला समन्वयक किसान जागर मंच संगठन के मुताबिक फसल बीमा करवाने वाले लेकिन शिकायत करने के लिए असमर्थ रहे किसानों को बीमा मंजूर करने के आदेश शासन ने देना चाहिए। बीमा कंपनी को समर्थन देते हुए बीमा करवाने वाले किसानों को न्याय देना चाहिए। कई किसानों को कपास चुनना भी नहीं पूर रहा है।

फसल घर तक लाने के लिए किसानों की जद्दोजहद

खेत की फसल किसी भी हालत में घर तक लाने का प्रयास किसानों का शुरू है। किसानों को बीमा कंपनी से शिकायत के सिवाय नुकसान भरपाई नहीं मिलती। जिससे किसान दोहरी संकट में फंसा है। ऐसे में कुछ किसानेां की ओर मोबाइल नहीं तो कुछ को मोबाइल इस्तेमाल करने का ज्ञान नहीं। साथ ही कुछ स्थानों पर नेटवर्क की समस्या निर्माण होती है। फलस्वरूप संपूर्ण किसानों को बीमा कंपनी ने सभी का बीमा मंजूर करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस ओर शासन ने ध्यान देने की आवश्यकता है। कई किसानों की बारिश से नुकसान की शिकायते बीमा कंपनी ने इनकार किए। कुछ कारण न देते हुए उनके वापस पंचनामा करवाने की मांग किसानों ने की है।

Created On :   27 Dec 2023 1:31 PM GMT

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