Pune City News: 2040 में चंद्रमा पर उतरने की तैयारी में भारत : शुभांशु शुक्ला

2040 में चंद्रमा पर उतरने की तैयारी में भारत : शुभांशु शुक्ला
  • युवाओं को किया प्रेरित
  • अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण शुरू

भास्कर न्यूज, पुणे। आसमान का कभी कोई छोर नहीं था और न होगा। न मेरे लिए, न आपके लिए और भारत के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। इन शब्दों के साथ अंतरिक्ष की सैर करनेवाले शुभांशु शुक्ला ने युवा पुणेकरों के सपनों को संकल्प के 'अग्निपंख' दिए। युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि 2040 में चंद्रमा पर उतरने की तैयारी भारत कर रहा है। शायद वहां पड़ने वाला पहला कदम आपका हो सकता है। इसलिए निरंतर प्रयास, दृढ़ता और कड़ी मेहनत से अपने सपने को साकार करें।

-वंदे मातरम गीत से ऊर्जा और प्रेरणा मिली

'एक्सिओम-4' मिशन के माध्यम से जून 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर भारत का मान बढ़ाने वाले शुभांशु शुक्ला ने रविवार को 'पुणे पुस्तक महोत्सव' में शिरकत की। शुक्ला ने गगनयान और एक्सिओम मिशन के कठिन प्रशिक्षण की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया, "जब अंतरिक्ष यान का इंजन शुरू हुआ, तो उसके झटकों के कारण मैं एक पल के लिए सारा प्रशिक्षण भूल गया था। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण शरीर में बड़े बदलाव होते हैं—लंबाई बढ़ जाती है, भूख नहीं लगती और पैरों का रक्त सिर की ओर जाने लगता है। इन सबको सहन करने के लिए मानसिक दृढ़ता बहुत महत्वपूर्ण है।" उन्होंने यह भी बताया, "लॉन्च के दिन अंतरिक्ष यान में जाने से पहले मैंने 'वंदे मातरम' गीत सुना, जिससे मुझे ऊर्जा और प्रेरणा मिली। जब यान भारत के ऊपर से गुजरा, तो रोंगटे खड़े हो गए थे।"

- अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण शुरू

शुभांशु ने जानकारी दी कि अंतरिक्ष में जाने से पहले यात्रियों को रखरखाव और मरम्मत से लेकर चिकित्सा उपचार तक सभी प्रकार के कौशल का प्रशिक्षण आवश्यक होता है। यान के भीतर कैसे रहना है और शून्य गुरुत्वाकर्षण में कैसे तालमेल बिठाना है, इसकी पूरी तैयारी कराई जाती है। इसके लिए भारत में नया और आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र बनाया जा रहा है, जहां भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन रहे शुक्ला ने बताया कि दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 'विंग्स ऑफ फायर' और लेखिका आयन रैंड की 'फाउंटेन हेड' पुस्तकें उनके जीवन में प्रेरणादायी रहीं। शुक्ला ने बताया कि 'एक्सिओम-4' मिशन की प्रमुख डॉ. पेगी विटसन ने नौ बार असफलता झेलने के बाद दसवें प्रयास में सफलता पाई। शुक्ला ने छात्रों से आह्वान किया कि वे असफलता से न घबराएं और निरंतर प्रयासों से लक्ष्य प्राप्त करें। उन्होंने कहा, "आप चाहे किसी भी क्षेत्र में हों, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना ही सबसे बड़ी देश सेवा है और इसी से विकसित भारत का सपना साकार होगा। NBT के अध्यक्ष मिलिंद मराठे, महोत्सव के मुख्य संयोजक राजेश पांडे और कोहिनूर ग्रुप के अध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल भी उपस्थित थे।

Created On :   22 Dec 2025 1:56 PM IST

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