शहडोल: फसल नुकसानी पर छुट्टा मवेशियों को बाड़े में कैद कर देते हैं ग्रामीणजन, हो रही मौतें

फसल नुकसानी पर छुट्टा मवेशियों को बाड़े में कैद कर देते हैं ग्रामीणजन, हो रही मौतें
  • फसल नुकसानी पर छुट्टा मवेशियों को बाड़े में कैद कर देते हैं ग्रामीणजन, हो रही मौतें
  • कलेक्टर ने कहा गौशाला का बनेगा प्रस्ताव
  • मंत्री जायसवाल बोले-यह कारगर समाधान नहीं, लोगों को भी करनी होगी पहल

डिजिटल डेस्क, शहडोल। ब्यौहारी क्षेत्र के सुखाढ़ में बाड़े में कैद मवेशियों की हो रही मौतों का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि फसल को क्षति पहुंचाने पर ग्रामीण किसानों द्वारा नदी के किनारे एक बाड़ा बनाकर उसके अंदर छुट्टा मवेशियों को बंद करके रखा जाता है। कहा जा रहा है कि समय पर चारा-पानी की सुविधा नहीं होने के कारण कुछ की मौतें हो जाती हैं। इसका एक वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ मवेशी मृत दिखे। गौरतलब है कि गत वर्ष भी ऐसा मामला सामने आया था। हालांकि मामले की सत्यता जानने मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसा कुछ नहीं मिला। कलेक्टर वंदना वैद्य ने बताया कि मवेशियों के मरने की बातें सामने आने के बाद अधिकारियों को भेजा गया था, बाड़े में मवेशी नहीं पाए गए। बताया गया कि मवेशी चरने गए हैं।

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उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में मवेशियों की सुरक्षा के लिए गौशाला का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। बंधेज को लेकर लोगों को भी सहयोग करने की जरूरत है। वहीं प्रदेश के कुटीर एवं उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि मामले की जानकारी आने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए हंै कि समस्या का समाधान निकालें। प्रदेश के मंत्री जायसवाल ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए कहा कि संभाग में ऐरा प्रथा बड़ी समस्या है। छुट्टा मवेशियों को रखने के लिए गौशाला बने हैं, लेकिन पंचायत कर्मियों, सचिवों की अरुचि के कारण उसका फायदा नहीं मिल रहा है। गौशालाओं के बेहतर संचालन के लिए एनजीओ, स्वंयसेवी संस्थाओं और लोगों को भी आगे आना होगा। जो पालक हैं उन्हें चाहिए कि वे मवेशी खुला न छोड़ें।

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Created On :   21 Feb 2024 9:42 AM GMT

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