असम का युवक बांग्लादेश की हिरासत से 56 महीने बाद छूटा, घर लौटा

Assam youth released from Bangladesh custody after 56 months, returns home
असम का युवक बांग्लादेश की हिरासत से 56 महीने बाद छूटा, घर लौटा
देशवापिसी असम का युवक बांग्लादेश की हिरासत से 56 महीने बाद छूटा, घर लौटा

डिजिटल डेस्क, अगरतला। बांग्लादेशी जेल में साढ़े चार साल से अधिक समय तक रहने के बाद असम का युवक मुकुल हजारिका कई कूटनीतिक और प्रशासनिक प्रयासों के बाद सोमवार को भारत लौट आया। पश्चिमी असम के दारांग जिले के होडापारा गांव का रहने वाले हजारिका को सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बेलोनिया पुलिस को बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश (बीजीबी) द्वारा भारत में बांग्लादेश सीमा पर त्रिपुरा के बेलोनिया चेक-पोस्ट के माध्यम से सौंपा गया, जहां से वह अपने घर लौट गया।

पेशे से एक रिक्शा चालक और तीन बच्चों का पिता हजारिका (35) अनजाने में फरवरी 2017 में बांग्लादेश चला गया, जहां उसे सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया। फिर एक स्थानीय अदालत ने उसे फेनी जेल में कैद कर दिया। हजारिका के पिता फुलेश्वर हजारिका और असम पुलिस के जवान मंगलवार को त्रिपुरा सीमा पर लौटे व्यक्ति को लेने गए थे।

हजारिका ने सीमा पर मीडिया से कहा, बांग्लादेश जेल पुलिस ने मुझे जेल में प्रताड़ित किया। उन्होंने मुझे नियमित रूप से खाना नहीं दिया। तीन साल की जेल की सजा पूरी करने के बाद, उन्होंने मुझे असम में अपने घर वापस नहीं आने दिया।

बांग्लादेश में हजारिका की उपस्थिति पहली बार 2019 में ज्ञात हुई, जब बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने असम सरकार को सूचित किया कि वह फेनी जेल में बंद है।

फुलेश्वर हजारिका ने मीडिया को बताया कि वरिष्ठ नौकरशाहों और दरंग जिले के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने हजारिका को रिहा करने और उनके घर वापस लाने में सक्रिय भूमिका निभाई।

आईएएनएस

Created On :   13 Sep 2021 6:30 PM GMT

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