अपरा एकादशी: जानें इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और पारण का समय

अपरा एकादशी: जानें इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और पारण का समय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व माना गया है, इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वहीं ज्‍येष्‍ठ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इसे अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) या अचला एकादशी (Achala Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी 15 मई सोमवार को है। हिन्‍दू पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार अपरा एकादशी के व्रत से सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं।

इस एकादशी व्रत को पुण्य फल देने वाला बताया गया है। इसके प्रभाव से मनुष्य के कीर्ति, पुण्य और धन में वृद्धि होती है। इस व्रत के पुण्य से ब्रह्म हत्या, असत्य भाषण, झूठा वेद पढ़ने से लगा हुआ पाप आदि नष्ट हो जाता है। पद्म पुराण के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से मुनष्‍य भवसागर तर जाता है और उसे प्रेत योनि के कष्‍ट नहीं भुगतने पड़ते।

अपरा एकादशी तिथि

एकादशी तिथि प्रारंभ: 15 मई 2023, सोमवार सुबह 02 बजकर 46 मिनट से
एकादशी तिथि समापन: 16 मई 2023 मंगलवार, सुबह 01 बजकर 03 मिनट तक
पारण का समय: 16 मई 2023 को सुबह 06.41 से सुबह 08.13 मिनट पर

व्रत विधि

- एकादशी के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

- इसके बाद भगवान विष्णु, कृष्ण तथा बलराम का धूप, दीप, फल, फूल, तिल आदि से पूजा करना चाहिए।

- इस पूरे दिन निर्जल उपवास करना चाहिए।

- यदि संभव ना हो तो पानी तथा एक समय फल आहार ले सकते हैं।

- द्वादशी के दिन यानि पारण के दिन भगवान का पुनः पूजन कर कथा का पाठ करना चाहिए।

- कथा पढ़ने के बाद प्रसाद वितरण, ब्राह्मण को भोजन तथा दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए।

- अंत में भोजन ग्रहण कर उपवास खोलना चाहिए।

Created On :   13 May 2023 11:47 AM GMT

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