मासिक शिवरात्रि: जानें कब है ये व्रत और क्या है इसका महत्व

Masik Shivaratri: Know  importance and worship method
मासिक शिवरात्रि: जानें कब है ये व्रत और क्या है इसका महत्व
मासिक शिवरात्रि: जानें कब है ये व्रत और क्या है इसका महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इसलिए इस दिन भगवान ​शिव की आराधना की जाती है। यह व्रत इस बार यह व्रत 15 सितंबर को पड़ रहा है। भविष्यपुराण के अनुसार इस दिन शिव लिंग पर पुष्प चढ़ाने तथा शिव के मंत्रों के जप का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान शिव का पूजन और व्रत किया जाता हैं। 

इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना जाती है। सुख-शांति की कामना से शिव का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में...

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पूजा विधि 
शिव चतुर्दशी व्रत में महादेव शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव जी की पूजा में प्रथम भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। उनके अभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से अभिषेक किया जाता है। 

अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं। अंत में गांजा,भांग, धतूरा तथा श्री फल(नारियल) शिव जी को भोग के रुप में समर्पित किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Created On :   12 Sep 2020 12:17 PM GMT

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