राम नवमी: इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से मिलेगी श्रीराम की कृपा, जानें पूजा विधि

Ram Navami 2020: Special yoga made on Shri Ram Janmotsav, know auspicious time of worship
राम नवमी: इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से मिलेगी श्रीराम की कृपा, जानें पूजा विधि
राम नवमी: इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से मिलेगी श्रीराम की कृपा, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए हर वर्ष इस तिथि को राम जन्मोत्सव या राम नवमी के रूप में मनाते हैं। इस वर्ष यह त्यौहार आज यानी ​कि 2 अप्रैल गुरुवार को मानाया जा रहा है। हालांकि लॉकडाउन के चलते इस वर्ष सड़कों पर चल समारोह और भव्य समारोह नहीं किए जा सके हैं, लेकिन घर घर में आज श्रीराम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। 

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी है। माना जाता है कि इन शुभ योगों में की गई पूजा पाठ जल्दी सफल होती है। वहीं इस वर्ष की राम नवमी गुरुवार के दिन आने के कारण भी विशेष है। क्योंकि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान श्री राम विष्णु के अवतार हैं। आइए जानते हैं श्रीराम नवमी से जुड़ी खास बातें...

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ऐसे हैं श्रीराम
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। पुरुषोत्तम यानि पुरुषों में श्रेष्ठ कहा जाता है। वे समाज में व्याप्त ऊंच नीच को कभी नहीं मानते थे। श्रीराम कथा के अनुसार वे शबरी के झूठे बेर खाते हैं। कभी केवट को गले लगाते हैं, तो कभी अहिल्या को तारते हैं।

शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि का प्रारंभ: 02 अप्रैल 2020, सुबह 03 बजकर 40 मिनट से 
तिथि का समापन: 03 अप्रैल 2020, सुबह 02 बजकर 43 मिनट तक 
राम नवमी मध्याह्न का मुहूर्त: 02 घंटे 30 मिनट 
शुभ: सुबह 11 बजकर 10 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक। 

पूजा विधि
- पूजा स्थल पर प्रभु श्री राम की प्रतिमा, मूर्ति या फिर तस्वीर को स्थापित करें। 
- इसके बाद श्रीराम का गंगा जल से ​अभिषेक कराएं।
- भगवान श्रीराम का अक्षत्, रोली, चंदन, धूप, गंध आदि से षोडशोपचार पूजन करें।
- श्रीराम को तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें।

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- घर में बने मीठे पकवान का भोग लगाएं और मौसमी फल भी चढ़ाएं।
- इसके बाद रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।
- पूजा दौरान उनकी प्रतिमा को पालने में कुछ देर के लिए झुलाएं। 
- पूजा के बाद भगवान श्रीराम की आरती करें। 
- इसके बाद सभी को आरती दें और प्रसाद का वितरण करें।

Created On :   2 April 2020 3:09 AM GMT

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