इस विधि से करें श्री गणेश की पूजा, जानें मुहूर्त

Vinayaka Chaturthi 2022: Worship Shri Ganesh with this method, know the Muhurta
इस विधि से करें श्री गणेश की पूजा, जानें मुहूर्त
विनायक चतुर्थी 2022 इस विधि से करें श्री गणेश की पूजा, जानें मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में वैसे तो विभिन्न देवी देवताओं की पूजा होती है। लेकिन इनमें प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा ​का प्रमुख स्थान है। किसी भी शुभ कार्य से पहले उनका आवाहन किया जाता है। माना जाता है कि श्री गणेश की पूजन और व्रत करने से सभी विघ्न दूर होते हैं। उनकी पूजा कभी भी की जा सकती है। लेकिन विशेष दिन की बात करें तो बुधवार का​ दिन सप्ताह में एक मात्र दिन है जब उन्हें बड़ी ही सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है। 

इसके अलावा प्रत्येक माह में आने वाली चतुर्थी के दिन व्रत रखने के साथ ही की जाने वाली पूजा आपको संकटों से दूर रखती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना सभी संकटों से मुक्ति के साथ घर में सुख-समृद्धि होने के साथ यश की प्राप्ति होती है। इस महीने विनायक चतुर्थी 6 जनवरी गुरुवार को है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में... 

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शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 5 जनवरी दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट से
तिथि समापन: 6 जनवरी दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर
पूजन का समय: 6 जनवरी 11 बजकर 15 मिनट से
दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक 

पूजन विधि
- विनायक चतुर्थी पर स्नान कर गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करें।
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें। भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। 
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। 

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- गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए ईश्वर से विनती करें।  - संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें। - फिर वैशाख चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं। 

Created On :   4 Jan 2022 12:07 PM GMT

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