Skanda Shashthi 2024: कब रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत? क्या है इसका और पूजा विधि

कब रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत? क्या है इसका और पूजा विधि
  • यह व्रत 13 मई 2024, सोमवार को रखा जाएगा
  • भगवान कार्तिकेय की पूजा से सुख-समृद्धि आती है
  • इस व्रत से सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति होती है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र श्रीगणेश की तरह भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि, भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति होती है। ऐसे में स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti) पर भक्त व्रत रखने के साथ ही पूरी विधि विधान से भगवान कार्तिकेय की पूजा की पूजा करते हैं।

दक्षिण भारत में स्कंद षष्ठी का खास तौर पर बहुत महत्व है। इस बार ये व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानि कि 13 मई 2024, सोमवार को रखा जा रहा है। आइए स्कंद षष्ठी तिथि और इस दिन रखे जाने वाले व्रत के बारे में विस्तार से जानते हैं...

शुभ मुहूर्त

अमृत काल: 13 मई, सोमवार सुबह 08 बजकर 54 मिनट से 10 बजकर 34 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त: 13 मई, सोमवार सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

क्या है महत्व?

स्कंद षष्ठी का दिन खास माना गया है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखने से संतान के कष्ट कम होने के साथ अपने आस- पास की नकारत्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र स्कंद को समर्पित होने के कारण स्कंद षष्ठी के नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत में कार्तिकेय को गणेश का बड़ा भाई माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में कार्तिकेय गणेश जी के छोटे भाई माने जाते हैं। षष्ठी तिथि कार्तिकेय जी की होने के कारण इसे कौमारिकी भी कहा जाता है।

स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

- सुबह सूर्यादय से पहले उठें और स्नान-ध्यान से निवृत्त हों।

- इसके बाद भगवान कार्तिकेय के बाल स्वरूप की फोटो या मूर्ति को मंदिर में रखें

- अब मूर्ति या फोटो को जल से पवित्र करें।

- इसके बाद उन्हें पुष्प, चंदन, धूप, दीप, फल, मिष्ठान, वस्त्र, आदि चढ़ाएं।

- भगवान कार्तिकेय के साथ माता पार्वती और महादेव की पूजा जरूर करें।

- अब स्कंद षष्ठी व्रत की कथा पढ़ें।

- पूजा के अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करें।

- अब पूजा में भूलचूक की माफी मांगते हुए अपनी मनोकामना कहें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   11 May 2024 12:13 PM GMT

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