सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए अनिवार्य नहीं होगी पीएचडी, सभी शिक्षण संस्थान करेंगे इस नियम का पालन

PhD will not be mandatory at present for the appointment of Assistant Professor
सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए अनिवार्य नहीं होगी पीएचडी, सभी शिक्षण संस्थान करेंगे इस नियम का पालन
पीएचडी पर शिक्षा मंत्रालय सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए अनिवार्य नहीं होगी पीएचडी, सभी शिक्षण संस्थान करेंगे इस नियम का पालन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी फिलहाय योग्यता अनिवार्य नहीं करेगा। सभी शिक्षण संस्थान इस नियम का पालन करेंगे। इससे पहले कुछ विश्वविद्यालयों ने सहायक प्रोफेसर के पद के लिए पीएचडी अनिवार्य कर दी थी।

शिक्षा मंत्रालय केंद्रीय के मुताबिक विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता अब नहीं होगी। ऐसे उम्मीदवार जिनके पास पीएचडी की डिग्री नहीं है, वह भी असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां खास बात यह है कि यह छूट केवल मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए है। शिक्षकों की मांग है कि पीएचडी की छूट को तीन साल आगे बढ़ाया जाए।

दरअसल कोरोना संकट के चलते कई छात्र समय पर अपनी पीएचडी थीसिस समय पर जमा नहीं करा सके हैं। इसी के चलते यूजीसी नेट पास कर चुके इन उम्मीदवारों ने फिलहाल पीएचडी की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की थी। देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इस समय शिक्षकों के 6,300 से अधिक पद खाली हैं। बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्व विभिन्न विभागों में होने वाली सहायक प्रोफेसर की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इन नियुक्तियों के लिए पीएचडी की योग्यता अनिवार्य तौर पर मांगी गई थी।

शिक्षक संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इस मामले में छूट दिए जाने की मांग की है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों की नियुक्तियों में पीएचडी क्लॉज से छूट और जो एडहॉक टीचर्स पढ़ा रहे हैं उन्हें तीन साल की छूट दिए जाने की मांग को लेकर यूजीसी चेयरमैन को पत्र भी लिखा गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि एडहॉक टीचर्स लंबे समय से पढ़ा रहे है लेकिन उन्हें स्थायी नहीं किया गया। सहायक प्रोफेसर की नियुक्तियों में पीएचडी की अनिवार्यता किए जाने को लेकर एडहॉक टीचर्स में गहरा रोष व्याप्त है। हालांकि अब शिक्षा मंत्रालय की इस नई पहल के बाद शिक्षक संगठनों ने संतोष व्यक्त किया है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के रूप में लंबे समय से एडहॉक टीचर्स के रूप में पढ़ा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय ने विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने संबंधी विज्ञापन निकाला था। विज्ञापन के अनुसार विभागों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता रखी है। लेकिन अब शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई इस राहत से इन शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।

डीटीए ने यूजीसी से उन शिक्षकों के लिए विश्वविद्यालय के विभागों में नियुक्ति के लिए पीएचडी क्लॉज में छूट देने की मांग की है जो पहले से ही अस्थायी या एडहॉक आधार पर पढ़ा रहे है। उन्होंने यह भी बताया है कि कुछ विषयों में एससी, एसटी उम्मीदवार पीएचडी धारक नहीं है ऐसी स्थिति में विभाग के लिए बनी सलेक्शन कमेटी एससी एसटी केंडिडेट नॉट एवलेबल कहकर पोस्ट को खाली रखेंगे।

(आईएएनएस)

Created On :   30 Sep 2021 8:30 AM GMT

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