SoulFull Musik Academy: Shreyash Shandiliya कर रहे SoulFul Musik Academy के माध्यम से म्यूजिक इंडस्ट्री में बदलाव

भारतीय संगीत जगत में जहां ग्लैमर और कमर्शियल सफलता को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं श्रेयश शांडिल्य (Shreyash Shandiliya) जैसे कलाकार अपने अनोखे प्रयासों से संगीत की आत्मा को फिर से जीवित कर रहे हैं। SoulFul Musik Academy की स्थापना करके उन्होंने संगीत को केवल सिखाने का नहीं, बल्कि उसे आत्मा से महसूस करने का एक मंच बनाया है। बिहार के छोटे से शहर बांका से निकले इस कलाकार ने म्यूजिक इंडस्ट्री में एक नई लहर पैदा की है, जिसमें शिक्षा, भावना और आत्मिक जुड़ाव का अनूठा संगम है।
संगीत शिक्षा में नया दृष्टिकोण और उसका प्रभाव
SoulFul Musik Academy केवल एक म्यूजिक स्कूल नहीं है, यह एक मिशन है—जिसका उद्देश्य संगीत को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि साधना के रूप में स्थापित करना है। श्रेयश का मानना है कि हर कलाकार के भीतर एक आत्मा होती है, जो तकनीक से नहीं बल्कि भावना से जागृत होती है। उन्होंने अब तक हजारों छात्रों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से कई आज स्वतंत्र कलाकार, म्यूजिक डायरेक्टर और स्टेज परफ़ॉर्मर के रूप में कार्यरत हैं। Academy के अंतर्गत SoulFul Musik Studio, SoulFul Musik Jampad, SoulFul Musik Store और HS Musik Company जैसे कई प्रोजेक्ट्स चलते हैं, जो नए और अनुभवी दोनों कलाकारों को पूर्ण सहयोग प्रदान करते हैं।
शुरुआती जीवन, पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
21 नवंबर 1996 को बिहार के बांका ज़िले में जन्मे श्रेयश शांडिल्य ने संगीत के प्रति बचपन से ही गहरा जुड़ाव महसूस किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा Saint Joseph’s School, Banka से हुई। उनकी माता स्व. पुनम तिवारी और पिता सुजीत कुमार तिवारी हैं। उनकी दो बहनें हैं—श्रीजा शांडिल्य और श्रेष्ठा शांडिल्य।
वर्ष 2011 में उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए मुंबई का रुख किया, जहाँ उन्होंने SAE Institute से Music Production & Audio Engineering का कोर्स किया। इसके साथ-साथ उन्होंने Trinity College, London से Music Theory की शिक्षा भी प्राप्त की। इस सुदृढ़ शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उन्हें एक तकनीकी रूप से दक्ष और संवेदनशील कलाकार के रूप में स्थापित किया।
प्रमुख प्रोजेक्ट्स और सहयोगी कलाकार
श्रेयश एक बहुमुखी कलाकार हैं—संगीत निर्देशक, गायक, गीतकार और मल्टी-इंस्ट्रूमेंटलिस्ट। उन्होंने 50 से अधिक ओरिजिनल गाने और 150 से अधिक रिक्रिएटेड ट्रैक्स तैयार किए हैं। उनके कुछ चर्चित गीतों में “तुझसे मिलके ये बावरा” (कृष्णा बेउरा), “सोलों से भरा” (सुरज जगन), “हे राम” (श्वेता पंडित), और “प्रथम करें” (पद्मश्री अनूप जलोटा) प्रमुख हैं। इन सहयोगों ने उनके संगीत को एक आध्यात्मिक और भावनात्मक आयाम प्रदान किया है, जिससे उनका नाम इंडिपेंडेंट म्यूजिक स्पेस में विशेष रूप से पहचाना जाने लगा है।
भविष्य की योजनाएं और संगीत उद्योग के लिए दृष्टिकोण
श्रेयश शांडिल्य का सपना है कि भारत की म्यूजिक इंडस्ट्री सिर्फ शोहरत और व्यवसायिक सफलता तक सीमित न रहकर आत्मा और संवेदनाओं की पहचान बने। उनकी योजना है कि SoulFul 1 World & SoulFul Musik World के अंतर्गत देशभर में और म्यूजिक अकैडमीज़, डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म और कलाकार सहयोग मंच स्थापित किए जाएं, जिससे युवा बिना दबाव के अपनी रचनात्मकता को आगे बढ़ा सकें। उनका मानना है—“If You Have Musical Dream, We Have Musical Way”, और यही दृष्टिकोण उन्हें इस युग का एक प्रेरणादायक म्यूजिक लीडर बनाता है।
Created On :   17 May 2025 1:12 PM IST