JEE 2025: जहाँ जज़्बा हो, वहाँ रास्ते बनते हैं: एक ऑटो ड्राइवर के बेटे ने JEE में चमक बिखेरी

जहाँ जज़्बा हो, वहाँ रास्ते बनते हैं: एक ऑटो ड्राइवर के बेटे ने JEE में चमक बिखेरी
"ऐसे कई दिन थे जब लगता था कि मैं बहुत पीछे छूट चुका हूँ और अब कभी पकड़ नहीं पाऊँगा,"

मुंबई, 24 जून: जब मुंबई के रजनीश तिवारी ने JEE मेन्स 2025 में 96.2 पर्सेंटाइल और अपनी HSC बोर्ड परीक्षाओं में 90% अंक हासिल किए, तो यह एक सीधी-सादी सफलता की कहानी लगती है। लेकिन इन अंकों के पीछे थीं कई जागी हुई रातें, बढ़ते बॅकलॉग्स और आत्म-संदेह के क्षण।

एक साधारण परिवार में जन्मे रजनीश के पिता पहले पान की दुकान चलाते थे, अब ऑटो चलाते हैं। उन्हें कभी महंगे कोचिंग का लाभ नहीं मिला। लेकिन उनके पास थी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन।

"ऐसे कई दिन थे जब लगता था कि मैं बहुत पीछे छूट चुका हूँ और अब कभी पकड़ नहीं पाऊँगा," रजनीश याद करते हैं। "लेकिन मैंने खुद से कहा — अगर मैं रोज़ बस हाज़िर होता रहूँ, तो एक दिन सब ठीक हो जाएगा।"

दसवीं कक्षा के बाद जब दूसरे बच्चे आराम कर रहे थे, रजनीश ने JEE की तैयारी शुरू कर दी — एक सस्ती ऑनलाइन कोर्स के ज़रिए, वो भी दस दिन देरी से। जल्द ही वे बॅकलॉग्स में डूब गए, खासकर ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में। उन्होंने अपनी नींद का शेड्यूल बदला, लेकिन उल्टा असर हुआ।

नंबर गिरने लगे। टीचर्स को शक हुआ। रिश्तेदारों ने सवाल उठाए। आठ छात्रों में से जिन्होंने साथ में शुरुआत की थी, बारहवीं तक सिर्फ रजनीश और एक दोस्त ही पहुंचे। वे बस किसी तरह टिके रहे — लेकिन कभी हारे नहीं।

जनवरी 2025 में उनके पहले JEE प्रयास में उन्हें 120 अंक (94 पर्सेंटाइल) मिले — ठीक-ठाक, लेकिन पर्याप्त नहीं। बोर्ड परीक्षाओं के बाद उन्होंने फिर से शुरुआत की, कमजोर टॉपिक्स को दोहराया और अप्रैल के प्रयास में 153 अंक लेकर 96.2 पर्सेंटाइल हासिल की।

पूरे सफर में उनके साथ था कोटक एजुकेशन फाउंडेशन (KEF)। सिर्फ आर्थिक मदद ही नहीं, KEF ने उन्हें एक पर्सनल कंप्यूटर, शैक्षणिक सामग्री और एक मार्गदर्शक — रागिनी मैम , जिनका विश्वास कभी डगमगाया नहीं। उनका निरंतर मार्गदर्शन रजनीश को तब भी केंद्रित रखता रहा जब वे सबसे कमजोर महसूस करते थे।

महंगा कोचिंग कभी विकल्प नहीं था। लेकिन आत्म-अध्ययन, KEF का समर्थन और अपनी मेहनत के बल पर रजनीश ने अपनी राह खुद बनाई। “आपको महंगे कोचिंग की ज़रूरत नहीं है।

ज़रूरत है विश्वास, अनुशासन और किसी के भरोसे की। मेरे लिए वो KEF और रागिनी मैम थीं,” वे कहते हैं।

रजनीश ने सिर्फ JEE पास नहीं किया — उन्होंने हर एक ठोस कदम से अपनी सफलता खुद अर्जित की।

Created On :   25 Jun 2025 2:19 PM IST

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