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Pune City News: खास प्रकाशक को लाभ पहुंचाने व्यावसायिक पुस्तकों का टेंडर नहीं

भास्कर न्यूज, पुणे। पुणे मनपा के स्कूलों का शैक्षणिक वर्ष समाप्त होने में अब महज कुछ ही महीने शेष हैं। ऐसी स्थिति में मनपा प्रशासन ने बिना टेंडर के साढ़े चार करोड़ रुपए की पूरक और व्यावसायिक पुस्तकें खरीदने की योजना बनाई है। चर्चा है कि यह प्रस्ताव खास प्रकाशक को लाभ पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है। मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने पिछली स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा था। आज ( शुक्रवार ) को स्थायी समिति की बैठक में इसपर निर्णय लिया जाएगा। ऐसा संदेह साजन नागरिक मंच के विवेक वेलणकर ने जताया है। उनका कहना है कि अगर छात्रों को व्यावसायिक पुस्तकें देनी हैं, तो उसका टेंडर निकाला जाना चाहिए। बिना टेंडर के पुस्तकें खरीदना गलत है।
पुणे मनपा स्कूलों में कक्षा दूसरी से पांचवीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए मराठी, गणित, अंग्रेजी, बौद्धिक और कंप्यूटर विषयों में लेखन सहायक सामग्री के रूप में व्यावसायिक पुस्तकें खरीदने का निर्णय मनपा प्रशासन द्वारा लिया जा रहा है। खरीद में अनियमितताओं से बचने के लिए हम पिछले कई वर्षों से किताबों, नोटबुक, यूनिफॉर्म और स्कूल की सामग्री के लिए लगने वाले पैसे सीधे अभिभावकों के खातों में जमा कर कर रहे हैं। इससे खरीद में अनियमितताओं पर लगाम लगी है। छात्रों को समय पर सामग्री मिल रही है। लेकिन, इस वर्ष अचानक यह निर्णय लिया गया कि मनपा के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लेखन अभ्यास के लिए व्यावसायिक पुस्तकों की आवश्यकता है। सवाल उठने लगे हैं कि कुछ स्कूलों के मुख्याध्यापकों ने तय किया कि किताबें कैसी होनी चाहिए? इसके लिए कुछ प्रकाशकों की पुस्तकों का चयन किया गया। अब शैक्षणिक वर्ष समाप्त होने वाला है। अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी समाप्त हो चुकी हैं। ऐसे में पुस्तकें देने से भी कोई फायदा नहीं होगा। उल्टे, प्रकाशक अनुपयोगी पुस्तकें बेच सकते हैं। ऐसी पुस्तकें बाजार में बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। इस पर बड़ी छूट भी दी जाती है। मनपा को 15 से 20 प्रतिशत की छूट की पेशकश भी की गई है। लेकिन, विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष समाप्ति की ओर है। ऐसे में मनपा प्रशासन प्रकाशक के लिए पुस्तकें खरीद रही है क्या, ऐसा सवाल उठ रहा है।
Created On :   31 Oct 2025 3:37 PM IST












