भास्कर हिंदी एक्सक्लूसिव: अब डर भी मेरा किरदार है - सोनाक्षी सिन्हा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 15 साल के फिल्मी सफर के बाद जब सोनाक्षी सिन्हा एक बार फिर नए अवतार में पर्दे पर लौटी हैं, तो उन्होंने इस बार ‘हीरोइन’ नहीं, बल्कि एक ‘धन पिशाचिनी’ का रूप धारण किया है। फिल्म ‘जटाधारा’ में उनका यह रहस्यमयी और शक्तिशाली किरदार लोक कथाओं की उस दुनिया को जीवंत करता है, जहां लालच, जादू और अमरत्व एक-दूसरे में उलझे हैं। फिल्म 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। हिंदी सिनेमा की ‘दबंग गर्ल’ अब साउथ इंडस्ट्री में अपना डेब्यू कर रही हैं और उनके मुताबिक, यह किसी नई शुरुआत से कम नहीं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सोनाक्षी सिन्हा ने अपने बचपन, ट्रोलिंग और आने वाले प्रोजेक्ट पर खुलकर बात की...
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सवाल; हिंदी के बाद अब तेलुगु में डेब्यू पर क्या कहेंगी?
जवाब; 15 साल हिंदी इंडस्ट्री में बिताने के बाद ऐसे लग रहा है मानों मेरी नई शुरुआत हो रही है। दर्शक नए हैं, लेकिन साउथ में सेट पर और उस शहर लोगों का जो मुझे प्यार मिला है उससे मुझे हैरानी है क्योंकि मैं उनके लिए बिलकुल नया चेहरा हूं। लेकिन वह मेरे काम को जानते थे। मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं अलग इंडस्ट्री से आयी हूं।
सवाल; नेगेटिव किरदार के लिए हां क्यों की?
जवाब; दरअसल ऑफर मिला तो मैंने भी फिल्म की निर्माता प्रेरणा अरोरा से यही सवाल पूछा कि आपको मुझमे पिशाचिनी नजर कैसे आयी ? तो उन्होंने कहा कि हमें एक बड़ी आंखों वाली, पावरफुल, रहस्यमयी और साथ ही खूबसूरत पिशाचिनी चाहिए इसलिए हम आपके पास आए हैं। अपनी तारीफ सुनकर मैंने हां कर दी।
सवाल; शत्रुघ्न सिन्हा को नेगेटिव किरदारों में पसंद किया गया था, अब आप भी खलनायिका बन चुकी हैं, कैसा लग रहा है?
जवाब; पापा को लोगों ने उनके नेगेटिव किरदारों के लिए बहुत सराहा है। उनकी तो शुरुआत ही खलनायक किरदार से हुई थी। जब वह स्क्रीन पर हीरो को पीटते थे तो लोग सीटियां और तालियां बजाते थे, उनको इन किरदारों के लिए काफी प्यार मिला है। मुझे भी इस समय कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है। मैंने पहली बार नेगेटिव किरदार निभाया है, वो भी पूरी तरह से भयानक रूप धन पिशाचिनी के अवतार में, यह मेरे लिए बहुत अलग अनुभव है। फिर भी लोग इसे पसंद कर रहे हैं। आप बोल सकती हैं कि सोने पे सुहागा हुआ है मेरे साथ।
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सवाल; काल्पनिक दुनिया में एक्शन पहली बार इतना किया है?
जवाब; इस फिल्म में वीएफएक्स का इस्तेमाल तो है लेकिन इसमें दिमाग से लेकर शारीरिक मेहनत खूब लगी है। पहले तो धन पिशाचिनी बनने में 3 घंटे का मेकअप, वजनदार साड़ी और गहने, उसके बाद दिनभर हार्नेस पहनकर एक ही पोजीशन में रहना पड़ता था। क्योंकि मेरा अधिकतर समय हवा में एक्शन करते हुए है। इसके अलावा ऊंची आवाज में संवाद बोलना और अग्रेसिव दिखना एक चुनौती थी।
सवाल; बचपन की कोई लोक कथा याद है?
जवाब; बचपन में मैं बहुत शरारती थी। सोती नहीं थी तो मेरी मां ने मुझे डराने के लिए एक काल्पनिक खलनायक तैयार किया और उसका नाम उन्होंने सामरी रखा था और कहा कि उसकी बहुत बड़ी और खतरनाक आंखें हैं। मेरे कमरे के सामने एक पेड़ था और मम्मी कहती थी, नहीं सोयेगी तो सामरी आ जायेगा और तुमको लेकर चला जाएगा, इसलिए जल्दी से आंखें बंद कर लो। यह कहानी मुझे आज तक याद है। वह ट्रॉमा था मेरा। पता नहीं क्यों पेरेंट्स बच्चों को डराने के लिए ऐसा भयानक कहानियां सुनाते हैं , मैं कभी अपने बच्चों को ऐसी डरावनी कहानियां नहीं सुनाऊंगी।
सवाल; सेलेब्रिटी हमेशा ट्रोलिंग का शिकार होते हैं, क्या आप कभी इस पर निराश होती हैं?
जवाब; जी नहीं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। सोनाक्षी सिन्हा का आपको सिर्फ एक ही चेहरा हर जगह नजर आएगा और वह है खुलकर मस्ती करते हुए और खिलखिलाकर हंसते हुए। मेरा कोई डबल फेस नहीं है. मेरे निजी पोस्ट में भी आपको मैं हंसती और हंसाती हुई ही दिखाई दूंगी। जीवन में इसके अलावा रखा ही क्या है। जिसे जो बोलना है बोलने दीजिए , मैं वह नेगेटिविटी सुनती भी नहीं।
सवाल; दहाड़ 2 कब आएगी ?
जवाब; जटाधरा की रिलीज के बाद मैं ‘दहाड़ 2’ पर ध्यान दूंगी, जिसकी शूटिंग अगले साल की शुरुआत में ही शुरू हो जाएगी। उसमें पुलिस अधिकारी की भूमिका में हूं तो तैयारी भी खूब लगेगी। इसलिए मैं अभी से उसकी ट्रेनिंग शुरू करुंगी।
Created On :   3 Nov 2025 9:43 PM IST












