सर्च में हेरफेर करने पर Google पर 136 करोड़ का जुर्माना

CCI imposes Rs 135.86 crore penalty on Google for search bias.
सर्च में हेरफेर करने पर Google पर 136 करोड़ का जुर्माना
सर्च में हेरफेर करने पर Google पर 136 करोड़ का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सभी सवालों का चंद पलों में जवाब देने वाले सर्च इंजन google पर 136 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।  ये जुर्माना CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने लगाया है। CCI ने गूगल को अनुचित व्यापार व्याहार करने का दोषी पाया है। आयोग ने साल 2012 में दर्ज शिकायत पर यह कार्रवाई की है। नियामक ने कहा कि गूगल पर यह जुर्माना ‘स्पर्धा-रोधी व्यवहार’ के मामले में किया गया है। वैश्विक स्तर पर गूगल पर यह जुर्माना लगाए जाने का अनोखा मामला है। आरोप है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च इंजन बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का फायदा उठाते हुए सर्च में पक्षपात और हेरफेर किया। आयोग ने गूगल को 60 दिन के अंदर जुर्माने की राशि अदा करने का आदेश दिया।

CCI के आदेश के अनुसार कंपनी पर यह जुर्माना तीन वित्त वर्षों 2013, 2014 और 2015 में भारतीय परिचालन से इनकम के 5 प्रतिशत के बराबर है जो 135.86 करोड़ रुपये बैठता है। आयोग ने कहा है कि गूगल ने शिकायत पर जो जवाब दिया है उस पर गंभीरता से विचार के बाद जुर्माना लगाने का फैसला किया गया है। यह फैसला 2012 में मैट्रीमनी.कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी की शिकायत पर आया है। आपको बता दें कि भारत के बाहर भी गूगल पर इस तरह के मामले चल रहे हैं। कुछ समय पहले यूरोपीय संघ ने गूगल पर आरोप लगाया था कि वह अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, गूगल लगातार इससे इनकार करता रहा है।

गूगल पर लगा है ये आरोप

- CCI ने कहा कि गूगल वेबसर्च और ऑनलाइन सर्च एडवर्टाइजिंग मार्केट्स में अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

- संस्था के मुताबिक इससे प्रतिस्पर्धियों और यूजरों को नुकसान हो रहा है।

- इससे पहले जांच में सहयोग न करने के लिए भी CCI गूगल पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है।

क्या है CCI

भारतीय संसद द्वारा 13 जनवरी 2003 को प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 को लागू किया गया। इसके बाद 14 अक्टूबर 2003 से केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना की गई थी। इसके बाद प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा इस अधिनियम में संशोधन किया गया।

20 मई 2009, को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौते और प्रमुख स्थितियों के दुरुपयोग से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों को अधिसूचित किया गया। यह अधिनियम जम्मू-कश्मीर के अलावा संपूर्ण भारत में लागू होता है। अध्यक्ष और 6 सदस्यों के साथ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग पूरी तरह से कार्यात्मक है।

CCI भारत की एक विनियामक संस्था है। इसका उद्देश्य देश में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह का नुकसान न हो। आपको बता दें कि 21 जून 2012 को CCI ने 11 सीमेंट कंपनियों को मिलीभगत कर दाम बढ़ाने का दोषी पाया था और कंपनियों पर 6000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। 

Created On :   9 Feb 2018 4:00 AM GMT

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