विनाशकारी बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को मदद देने को लेकर बंटे भारतीय : आईएएनएस सर्वे

Indians divided over helping Pakistan facing devastating floods: IANS Survey
विनाशकारी बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को मदद देने को लेकर बंटे भारतीय : आईएएनएस सर्वे
मानवीय संकट विनाशकारी बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को मदद देने को लेकर बंटे भारतीय : आईएएनएस सर्वे
हाईलाइट
  • संयुक्त राष्ट्र से सहायता मिलनी शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में अभूतपूर्व मानसूनी बारिश देखी जा रही है जिससे देश में विनाशकारी बाढ़ आ गई। रिपोर्टों के अनुसार, भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने 1,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और 10 लाख बेघर हो गए।

देश में बाढ़ ने लगभग 3.3 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है। इमारतें, सड़कें, रेलवे पटरियां और पुल के साथ बड़ा क्षेत्र जलमग्न है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, देश में 1961 के बाद से इस साल सबसे अधिक बारिश हुई है।

बाढ़ के पानी ने देश में एक बड़ा मानवीय संकट पैदा कर दिया है। जिसको देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय मदद के लिए आगे आया है। पाकिस्तान को विभिन्न देशों और संयुक्त राष्ट्र से सहायता मिलनी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही पर चिंता व्यक्त की।

सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने भारत द्वारा पड़ोसी देश को सहायता प्रदान करने के बारे में लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण से पता चला कि लोग अपनी राय में बंटे हुए थे।

सर्वेक्षण के दौरान, 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भारत को पाकिस्तान को उसी तरह सहायता प्रदान करनी चाहिए जैसे उसने एक अन्य पड़ोसी देश श्रीलंका के संकट की स्थिति में की थी, जबकि 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस पर असहमति जताई। वहीं, 47 फीसदी शहरी उत्तरदाताओं और 40 फीसदी ग्रामीण उत्तरदाताओं ने राहत सामग्री और सहायता भेजने के पक्ष में बात की।

विभिन्न आयु वर्गो के उत्तरदाताओं के विचार भी अलग-अलत थे। विशेष रूप से, सर्वेक्षण के दौरान, एक बड़ा अनुपात, 18-24 वर्ष की आयु वर्ग के उत्तरदाताओं का 56 प्रतिशत और 55 वर्ष से अधिक आयु के 56 प्रतिशत ने पाकिस्तान को सहायता प्रदान करने के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। वहीं 25-34 वर्ष आयु वर्ग के उत्तरदाताओं का 56 प्रतिशत और 35-44 वर्ष के आयु वर्ग के 58 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसके खिलाफ बात की।

 

आईएएनएस

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Created On :   2 Sept 2022 3:01 PM IST

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