एरियल स्ट्राइक: रूस ने यूक्रेन पर किया अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला, F-16 लड़ाकू विमान के पायलट की मौत

- यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान के पायलट की मौत
- तीन साल पहले शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा हमला
- रूस ने यूक्रेन पर 537 हथियारों से हवाई आक्रमण किया- जेलेंस्की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन साल से अधिक समय से जारी जंग के बीच रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है। यह रूस सबसे बड़ी एरियल स्ट्राइक है। इस हमले में यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान के पायलट मकस्यीम उस्तेमेंको की मौत हो गई है। रूसी हमले को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि रात भर में रूस ने यूक्रेन पर 537 हथियारों से हवाई आक्रमण किया है। इसमें 477 ड्रोन थे और 60 मिसाइलें थीं। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस के हमलों का असर छह स्थानों पर देखने को मिला. जबकि आठ स्थानों पर मलबा गिरने की सूचना मिली है। यूक्रेन की सेना इस हमले में नागरिक ठिकानों को हुए नुकसान का आकलन कर रही है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की के अनुसार रूस ने जिन ड्रोन्स से हमला किया उनमें से ज्यादातर ईरान में बने 'शाहेद' ड्रोन्स शामिल थे। जेलेंस्की ने आगे कहा रूसी सेना हर उस चीज को निशाना बना रही थी जहां जिंदगी के निशान थे। उन्होंने कहा कि स्मिला में एक रिहायशी बिंल्डिंग में हुए हमलों की निशानी एक बच्चा बना जो घायल हो गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा इस हफ्ते ही 114 से अधिक मिसाइलें, 1,270 से ज़्यादा ड्रोन और लगभग 1,100 ग्लाइड बम रूस ने दागे हैं। जेलेंस्की ने दुनिया के देशों से आग्रह किया कि पुतिन पर और भी दबाव बनाया जाए। यूक्रेन की वायु सेना के संचार प्रमुख यूरी इहनात ने जानकारी दी कि रात भर का हमला देश पर सबसे बड़ा हवाई हमला था, जिसमें कई ड्रोन और मिसाइल शामिल थी।
जेलेंस्की ने कहा F-16 के इस पायलट ने 7 हवाई टारगेट को नाकाम कर दिया था। जेलेंस्की ने मृतक पायलट के परिवार और साथियों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। है. मैंने निर्देश दिया है कि उनकी मौत की सभी परिस्थितियों की जांच की जाए।
खेरसॉन के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुडिन ने बताया कि रूसी ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं चेर्कासी में क्षेत्रीय गवर्नर इहोर टैबुरेट्स के मुताबिक यहां रूसी हमले में एक बच्चे सहित छह लोग घायल हो गए हैं
नीदरलैंड के हेग में आयोजित नाटो समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा भले ही सीमित रही थी, लेकिन सभी शामिल देशों ने जंग को रोकने की बात कही। नाटो ने यूक्रेन को निरंतर समर्थन की पुष्टि की। इस समिट में नाटो देशों ने रूस को गंभीर खतरे के रूप में चिह्नित किया और रक्षा बजट जीडीपी के 5 फीसदी तक तक बढ़ाने का फैसला लिया।
Created On :   29 Jun 2025 4:26 PM IST