India-Bangladesh Ganga Water Treaty: दशकों पुराना गंगा जल समझौता समाप्त होने की कगार पर... सूत्रों के मुताबिक भारत उठा सकता है ये बड़ा कदम... बांग्लादेश सरकार की बढ़ रही बेचैनी... जानिए क्या है दोनों देशों के बीच का मामला?

- भारत-बांग्लादेश गंगा जल समझौता
- गंगा जल समझौते में भारत की नई शर्तें ये हो सकती
- बांग्लादेश के साथ भारत अपना सकता सख्ती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान से किए सिंधु जल समझौते को खत्म किया था। इसके लिए खुद पाकिस्तान ने मजबूर किया था। लेकिन अब बांग्लादेश के साथ हुए गंगा जल समझौत भी खत्म होने की कगार पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में गंगा जल समझौता हुआ था। लेकिन अब वह पुरानी शर्तों के मुताबिक नहीं होने वाला है। अब अगर बांग्लादेश को भारत से पानी चाहिए तो उसके लिए नए नियम और शर्ते लागू होगी। उसके बाद ही उसे पानी मिल पाएगा।
बांग्लादेश अपना रहा है विरोधी रूख
सूत्रों के अनुसार, भारत बांग्लादेश को पुरानी शर्तों के आधार गंगा का पानी देने के पक्ष में नहीं है। इसके लिए भारत ने बांग्लादेश को अनौपचारिक रूप से संकेत भी दे दिए है। अगर उसको गंगा का पानी चाहिए तो इसके लिए नई शर्तें और नियम तय किए जाएंगे, जो वर्तमान में देश की जलवायु पोटर्न को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, भारत के इस रूख की वजह से बांग्लादेश की यूनुस सरकार में बेचैनी देखने को मिल रही हैं। हाल ही में भारत के खिलाफ बांग्लादेश विरोधी रूख अपना रहा है। जिसकी वजह से भारत को यह फैसला लेना पड़ रहा है।
भारत-बांग्लादेश गंगा जल समझौता
- साल 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच गंगा जल समझौता हुआ था।
- समझौते के दौरान तय हुआ था कि जनवरी से मई के बीच यदि फरक्का बैरोज में जल प्रवाह 75,000 क्यूसेक या फिर उससे कम होता है तो भारत बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक पानी देगा और बाकि बचा पानी भारत के पास रहेगा।
- दोनों देशों के बीच गंगा जल समझौता 30 सालों के लिए वैध था। यानी साल 2026 में इसकी समय सीम खत्म हो जाएगी।
सूत्र आगे बताते है कि पिछले 30 सालों में भारत की जलवायु में काफी परिवर्तन, बारिश के पैटर्न में बदलाव और सिंचाई के लिए पानी की मांग बड़ी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में कृषि के लिए भी जल की मांग बढ़ रही है और साथ ही कोलकाता बंदरगाह के जल स्तर को भी पर्याप्त बनाए रखना है। इस वजह से भी भारत बांग्लादेश से नई शर्तें रखने की बात कर रहा है। नए समझौते में भारत 15 वर्षों के लिए पानी के बंटवारे पर साइन कर सकता है।
यहां से भारत बांग्लादेश को देता है पानी
भारत के पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित फरक्का बैराज से गंगा नदी दो धाराओं में बंट जाती हैं। जिसमें एक धारा हुगली नदी के नाम से भारत में बहती है और दूसरी धारा पद्मा नदी के नाम से बांग्लादेश में बहती हैं। फरक्का बैराज का निर्माण 1950 में हुआ था। जिसकी वजह से कोलकाता बंदरगाह के जल स्तर को सामान्य स्थिति में बनाए रखने का काम करता था।
Created On :   29 Jun 2025 9:52 PM IST