H-1B Visa Program: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बढ़ सकती है मुश्किलें, H-1B वीजा के नए नियमों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा पर शुल्क बढ़ाने का नियम लागू किया है। इसकी वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है। इस फैसले के खिलाफ यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने वहां की अदालत में मुकदमा दाखिल कर दिया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप के इस निर्णय को शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी, गैर-कानूनी, गुमराह करने और देश के व्यवसायों के लिए बेदह हानिकारक माना है।
यूएस चैंबर ने की ये टिप्पणी
इस चैंबर ने बीते गुरुवार को कोलंबिया के जिला कोर्ट में एक संघीय मुकदाम दर्ज किया है। यह चैंबर माइक्रोसॉफ्ट, वॉलमार्ट, एक्सॉ मोबिल, अमेजन और फाइजर जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के सदस्य के रूप में शामिल हैं। इसने ट्रंप के एच-1बी वीजा निर्णय को लेकर कहा कि अमेरिका प्रशासन ने वीजा के शुल्क में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। इससे वैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है। साथ ही कहा कि नीति के प्रवर्तन को रोकने के लिए तुरंत आदेश जारी करने की मांग भी की है।
यूएस चैंबर ने ट्रंप के इस फैसले को सीधे तौर पर चुनौती दी है। ट्रंप के इस आदेश का यह शीर्षक था, ‘रिस्ट्रिक्शन ऑन एंट्री ऑफ सर्टेन नॉन-माइग्रेंट वर्कर्स’, जो एच-1बी वीजा प्रोग्राम को अमेरिका के मौलिक अधिकारों को एक नया रुप देने का काम करता है।
एच-1बी वीजा के नए नियम?
अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार, अब अमेरिका का एच-1बी वीजा लेने के लिए नए आवेदनों को एक लाख डॉलर का शुल्क चुकाना होगा। यह नया नियम प्रमुख रूप से अमेरिका के बाहरी देशों के नागरिकों के लिए लागू किया गया है। अमेरिका में इस वीजा पर करीब 70 प्रतिशत भारत के लोग निवास करते हैं।
यूएस चैंबर ने कोर्ट में दिए ये तर्क
यूएस चैंबर ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए कोर्ट को बताया कि ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा में नया शुल्क नियम लागू किया है। इससे इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि शुल्क बढ़ोत्तरी की वजह से अमेरिकी संसद के नियमों का भी उल्लंघन हुआ है। इस वीजा प्रोग्राम के तहत हर साल अमेरिका में 85, 000 लोग अन्य देशों से अपनी प्रतिभा दिखाने आते हैं।
Created On :   17 Oct 2025 8:45 PM IST