India on Britain Sanctions: 'एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं...' भारत ने ब्रिटेन के बयान को किया खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन ने भारत को लेकर कहा था कि रूस ने भारतीय कंपनियों और तेल के क्षेत्र में प्रतिबंध लगा दिया है। इसे आज गुरुवार को भारत ने खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध को सिरे से नकारता है। उसने आगे कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए के देश अपने नारगिकों की बुनियादी जरूरतों को जिम्मेदार मानता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, "हमने ब्रिटेन द्वारा घोषित नए प्रतिबंधों को नोट किया है। हम किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं करते। भारत सरकार के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है ताकि नागरिकों की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।' उन्होंने आगे बताया, "हम यह जोर देना चाहेंगे कि खासकर ऊर्जा व्यापार के मामले में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए।"
ब्रिटेन के प्रतिबंधों वाला बयान सामने आने के बाद नायरा एनर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पूरी तरह से भारतीय कानूनों और उसके नियमों को मानता है। और उसी के तहत काम करता है। कंपनी ने आगे अपने बयान में कहा, "एक भारतीय कंपनी के रूप में हम देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
कंपनी ने आगे कहा, "हम स्पष्ट कहना चाहते हैं कि यूरोपीय संघ का यह एकतरफा कदम झूठे आरोपों पर आधारित है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून और भारत की संप्रभुता की अनदेखी करते हुए उनकी अधिकार सीमा से बाहर का कदम है।"
ब्रिटेन के नए कानून के मुताबिक, इसमें रूसी तेल कंपनियों में रोसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil) को निशाना बनाया था। ये दोनों कंपनियां डेली करीब 3.1 मिलियन बैरल तेल का निर्यात कर रही है। इनमें से सिर्फ रोसनेफ्ट ही अपने देश के कुल तेल उत्पाद का करीब आधा और वैश्विक आपूर्ति का लगभग 6 फीसदी काम संभाल रही है।
ब्रिटेन ने बीते बुधवार को अपने बयान में कहा था कि वह रूसी तेल कंपनियों और भारतीय पेट्रोलियम कंपनी नायरा एनर्जी लिमिटेड पर 90 नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। उसने नायरा कंपनी के बारे में बताया कि साल 2024 में उसने अरबों डॉलर मूल्य का रूसी कच्चा तेल खरीदा था।
Created On :   16 Oct 2025 11:26 PM IST