युद्धविराम के बाद फतवा: ईरान ने अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया फतवा

ईरान ने अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया फतवा
  • ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्ला नासर मकरम शिराजी ने जारी किया फतवा
  • ट्रंप और नेतन्याहू को बताया खुदा का दुश्मन अपनी गलतियों पर पछतावा करने को कहा
  • ट्रंप और नेतन्याहू का कोई मुसलमान सहयोग या समर्थन न करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान-इजराइल युद्धविराम भले ही हो गया हो लेकिन इस जंग में कूदे देशों के बीच बयानबाजी कर एक दूसरे पर निशाना साधने का सिलसिला अभी भी जारी है। यू कहे कि बारूद के धमाकों की आवाज भले ही न गूंज रही हो लेकिन जवानी जंग रूकी नहीं है। ईरान ने अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। फतवा ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्ला नासर मकरम शिराजी की ओर से जारी किया गया है।

आपको बता दें 3 जून को ईरान और इजराइल के बीच 13 जून को संघर्ष शुरू हुआ था। इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के सैन्य परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए , इनके जवाब में ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 शुरु किया। दोनों देशों के हमलों के बीच में अमेरिका कूदा। यूएस ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सटीक हमले किए। अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान ने कतर और ईरान में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था इन हमलों के साथ साथ रूस -ईरान की वार्ता और कतर के हस्तक्षेप के बाद अमेरिका ने ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा की। अब ईरान ने अपने दुश्मन नेताओं के खिलाफ फतवा जारी किया है।

जारी फतवे में कहा गया है कि कोई व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा (इस्लामी वरिष्ठ विद्वान) को धमकी देता है,उसे सरदार या मोहरेब माना जाता है। ईरानी कानून के मुताबिक मोहरेब वह व्यक्ति होता है जो अल्लाह के खिलाफ युद्ध शुरू करता है और ऐसे आदमी को मौत, सूली पर चढ़ाने, अंग काटने और निर्वासित किए जाने का इस्लामी कानून में प्रावधान है।

ईरानी फतवे में दोनों नेताओं ट्रंप और नेतन्याहू को खुदा का दुश्मन बताते हुए अपनी गलतियों पर पछतावा कराने के लिए कहा गया है। फतवे में दुनियाभर के सभी मुसलमानों से कहा गया है कि वे दोनों का कोई सहयोग या समर्थन न करें। फतवे में कोई भी सहयोग या समर्थन हराम (निषिद्) है। दुनियाभर के मुस्लमानों से कहा गया है कि मुस्लिमों के दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं। अगर कोई मुस्लिम अपने कर्तव्य का पालन करता है और उस कर्तव्य को निभाने में कठिनाई या हानि उठाता है, तो उसे खुदा के रास्ते में योद्धा कहा जाएगा।

Created On :   30 Jun 2025 8:47 AM IST

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