- Dainik Bhaskar Hindi
- International
- PM Modi and Xi Jinping to hold bilateral meeting today in Xiamen
दैनिक भास्कर हिंदी: चीन को आई नेहरू की याद, फिर गूंजेगा 'हिंदी-चीनी भाई-भाई'

डिजिटल डेस्क, शियामेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट में हिस्सा लेने के लिए अभी तीन दिन के दौरे पर चीन गए हुए हैं। इस समिट में पीएम मोदी ने चीन की आपत्ति के बावजूद आतंकवाद को मुद्दा उठाया। इस समिट के तीसरे और आखिरी दिन पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं की ये मुलाकात इसलिए खास रही क्योंकि करीब 73 दिनों तक दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर बॉर्डर पर टेंशन चल रहा था। करीब 1 घंटे तक चली इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच आपसी सहमति को बढ़ाने और बेहतर रिश्ते बनाने को लेकर बातचीत हुई।
बैठक के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर शांति बनाए रखने और हर मसले को शांति से सुलझाने पर सहमति बनी। साथ ही भारत ने इस बैठक में साफ कर दिया है कि वो मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहते। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को समझदारी से और शांति से निपटाने पर बातचीत हुई। दोनों देशों में इस बात को लेकर भी सहमति बनी कि बदलते दौर में साथ मिलकर चलना ही जरूरी है। इसके साथ ही विदेश सचिव ने ये भी बताया कि दोनों देशों के बीच डोकलाम जैसे विवाद के रोकने के लिए कोशिशों पर जोर देने पर सहमति बनी। हालांकि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद को लेकर कोई बात नहीं हुई।
पंचशील के सिद्धांतों पर करेंगे अमल : शी जिनपिंग
इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश होने के साथ-साथ उभरते हुए देश भी हैं। शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से कहा कि वो भारत के साथ मिलकर पंचशील के 5 सिद्धांतों पर साथ चलने को तैयार है।
क्या है पंचशील सिद्धांत?
चीन के क्षेत्र तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और आपसी संबंधों को लेकर भारत और चीन के बीच 29 अप्रैल 1954 को एक समझौता हुआ था। इसी समझौते को पंचशील समझौता कहा गया। उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे और इसी समझौते के बाद से 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' के नारे लगाए गए। इस समझौते में 5 सिद्धांत शामिल किए गए। इस समझौते के बाद पंडित नेहरू को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था।
क्या थे वो 5 सिद्धांत?
- एक-दूसरे की अखंडता और संप्रुभता का सम्मान
- परस्पर अनाक्रमण मतलब दोनों देश एक दूसरे पर हमला नहीं करेंगे
- एक-दूसरे के इंटरनल मैटर में कोई हस्तक्षेप नहीं करना
- समान और परस्पर लाभकारी संबंध
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
क्या था डोकलाम विवाद?
गौरतलब है कि चीनी सैनिकों द्वारा भूटान के डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी। भारत का आरोप था कि चीन डोकलाम मे सड़क निर्माण कर भारत-भूटान-चीन ट्राइजंक्शन का नक्शा बदलना चाहता है। डोकलाम से उठा यह तनाव दो महीनों से भी ज्यादा चला। इस दौरान कई बार चीनी मीडिया की ओर से युद्ध की धमकियां भी मिली, लेकिन भारत के अडिग रवैये से हारकर आखिरकर चीन को डोकलाम से पीछे हटना पड़ा।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl