इन तीन वैज्ञानिकों को मिला रसायन विज्ञान का नोबेल, इनकी रिसर्च से लाइलाज मर्ज के लिए भी दवा बनाने में मिलेगी मदद, कैंसर जैसी घातक बीमारी को बढ़ने से रोकने में भी हो सकती है कारगर
- 6 अक्टूबर को होगी शांति के नोबेल की घोषणा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार 2022 की घोषणा शुरु हो चुकी है। फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार की घोषणा के बाद अब रसायन विज्ञान यानी केमिस्ट्री कैटेगरी में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई। यह पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों कैरोलिन बेट्रोजी, बेरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डेल को दिया जाएगा। गौरतलब है कि कैरोलिन बेट्रोजी और बेरी शार्पलेस अमेरिका वहीं मोर्टन मेल्डेल डेनमार्क की रहने वाले हैं। इन तीनों को यह अवार्ड क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के डवलपमेंट के लिए दिया गया है।
इस खोज के लिए किया गया सम्मानित
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2022
नोबेल समिति ने ट्वीट कर बताया कि इन तीनों को यह पुरस्कार पदार्थों के निर्माण के लिए अणुओं के एक साथ विखंडन के लिए मिला है। इन वैज्ञानिकों ने क्लिक केमिस्ट्री का विकास किया। इसके अतिरिक्त बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री में की गईं इन खोजों ने आने वाले समय में मेडिसिन के क्षेत्र के लिए कई नए रास्ते खोल दिए हैं।
इन खोजों से हमारे जीवन पर क्या असर पड़ेगा
रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार विजेता तिकड़ी की क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री पर की गई खोज का हमारे जीवन पर क्या असर पड़ेगा? ये हमारे किस काम आएगी? तो आपको बता दें कि इस खोज से जहां बीमारियों को दूर किया जा सकेगा। वहीं ज्यादा अच्छा बायोडिग्रेडेबल और लंबे समय तक चलने वाले सामान इससे बन पाएंगे। इनके इस्तेमाल से भविष्य में जीवों और मनुष्यों के शरीर में ऐसे मॉलीक्यूल्स का निर्माण किया जा सकेगा जिससे उनका शरीर बीमारियों से बच सकेगा। बता दें कि क्लिक केमिस्ट्री दरअसल एक समान नेचर वाले छोटे-छोटे मॉलीक्यूल्स को जोड़ने की प्रोसेस है। इस प्रोसेस को बायोकंजुकेशन कहा जाता है।
क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल के उपयोग से ऐसी दवाओं को निर्माण किया जा सकेगा जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों को रोक सकें। इसके अलावा इस तकनीक की सहायता से टू-डायमेंशनल जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस किया जा सकेगा। मतलब कि इससे प्रोटीन की जांच आसानी से की जा सकेगी। इनका इस्तेमाल दवाईयों के निर्माण और बीमारियों की पहचान में भी किया जा सकेगा। प्राकृतिक दवाईयों की खोजों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
हो चुकी है फिजिक्स और मेडिसिन के पुरस्कारों की घोषणा
नोबेल प्राइज वीक 2022 की शुरुआत मेडिसिन कैटेगरी के साथ हुई। मेडिसिन कैटेगरी में स्वीडन के सावंते पाबो को नोबेल पुरस्कार मिला। वहीं इसके बाद फिजिक्स का नोबेल तीन वैज्ञानिकों एलेन आस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटन जेलिंगर को दिया गया। बता दें कि पाबो को विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के आनुवांशिकि( जीनोम ) से संबंधित खोज के लिए चिकित्सा का नोबेल दिया गया। वहीं एलैन आस्पेक्ट, जॉन एफ. क्लॉजर और एन्टन जीलिन्गर को फिजिक्स का नोबल क्वांटम फिजिक्स में अहम योगदान देने के लिए दिया गया।
6 अक्टूबर को होगी शांति के नोबेल की घोषणा
नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से माने जाते हैं। यह पुरस्कार स्वीडन के करोलिंस्का संस्थान की नोबेल असेंबली द्वारा दिया जाता है। 2022 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का आगाज हो चुका है। 3 अक्टूबर यानी आज चिकित्सा के लिए नोबोल पुरस्कार की घोषणा की गई। इसके बाद 4 अक्टूबर को भौतिकी, 5 अक्टूबर को रसायन विज्ञान, 6 अक्टूबर शांति और 10 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार पाने वाले विजेताओं के नामों की घोषणा की जाएगी।
Created On :   5 Oct 2022 6:01 PM IST