फ़िल्म समीक्षा 'मानो या ना मानो - एनीथिंग इज पॉसिबल': फ़िल्म समीक्षा 'मानो या ना मानो - एनीथिंग इज पॉसिबल'सच, विश्वास और अविश्वास को एक ही धागे में पिरोती है यह फिल्म, हितेन तेजवानी का उम्दा अभिनय

फ़िल्म समीक्षा मानो या ना मानो - एनीथिंग इज पॉसिबलसच, विश्वास और अविश्वास को एक ही धागे में पिरोती है यह फिल्म, हितेन तेजवानी का उम्दा अभिनय
  • फ़िल्म समीक्षा: मानो या ना मानो - एनीथिंग इज पॉसिबल
  • कलाकार: हितेन तेजवानी, राजीव ठाकुर, शिखा मल्होत्रा, निहार ठक्कर, पूर्णिमा नवानी, हँसी श्रीवास्तव, संजीव शुबा श्रीकर
  • निर्देशक: योगेश पगारे
  • निर्माता: विजय एम. जैन
  • बैनर: साइ फाइ इंडियन फ़िल्म्स, फॉलिंग स्काई एंटरटेनमेंट के सहयोग से
  • अवधि: 1 घंटा 15 मिनट
  • रिलीज़ तिथि: 7 नवंबर 2025
  • प्लेटफ़ॉर्म: सायफाय इंडियन फिल्म्स यूट्यूब चैनल
  • रेटिंग: ⭐⭐⭐ 1/2

अक्सर हमें ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं जो असंभव दिखती हैं और विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी आश्चर्यजनक घटनाओं पर कहानियां और फिल्में भी खूब बनती हैं। विज्ञान कितनी ही तरक्की क्यों ना कर ले हमारे जीवन काल में ऐसी एक-आध घटना घटित हो जाती है जिसे विज्ञान की कसौटी पर कसना लगभग असंभव सा लगता है. ऐसी ही 2007 में रिलीज़ हुई एक बहुचर्चित हॉलीवुड फिल्म 'द मैन फ्रॉम अर्थ' पर आधारित है हिंदी फिल्म 'मानो या ना मानो'. चलिए बताते हैं आपको कैसी है यह फिल्म

कहानी

फिल्म की कहानी दिल्ली के प्रोफेसर दोस्तों की एक बर्थडे पार्टी में हंसी मजाक और मस्ती के हल्के - फुल्के सीन से शुरू होती है. जिसमें हिस्ट्री का प्रोफेसर मानव (हितेन तेजवानी) अपने दोस्तों को बताता है कि उसने अपनी जॉब से रिजाइन कर दिया है और अब वह जा रहा है. यह सुनकर उसके दोस्त हैरान हो जाते हैं और जाने का कारण पूछते हैं. पहले तो मानव मना कर देता है लेकिन बार बार रिक्वेस्ट करने पर बताता है कि वह एक जगह पर १० साल से ज्यादा नहीं टिक सकता क्योंकि उसकी उम्र ४० साल के ऊपर नहीं बढ़ती और लोगों को उसके ऊपर शक होने लगता है. इसपर उसके दोस्त उससे उसकी असली उम्र पूछते हैं जिसके जवाब में वह कहता है वह पिछले 14 हजार वर्षों से वह ऐसे ही घूम रहा है. उसके दोस्त उसकी बात को सीरियस नहीं लेते और आगे से उसको ऐसा मज़ाक ना करने की चेतावनी देते हैं. लेकिन मानव अपनी बात पर अड़ा रहता है. क्या मानव की बात सच है या कोई प्रैंक? क्या मानव अपनी 14 हजार साल से जिन्दा रहने वाली बात प्रूफ कर पायेगा ? यह जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी यह फिल्म.

एक्टिंग

मशहूर टीवी एक्टर हितेन तेजवानी काफी सेटल्ड दिख रहे हैं और अपनी सहज एक्टिंग से दर्शकों को विश्वास दिलाने में सफल रहे हैं कि वह पिछले 14 हज़ार वर्षों से जीवित हैं. एक्टर कॉमेडियन राजीव ठाकुर ने फिल्म में वंश का अहम् रोल निभाया है और अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. फिल्म में तीसरा महत्वपूर्ण किरदार है मानव की दोस्त मेघना का जिसे सोशल मीडिया पर खासी चर्चित अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा ने बड़ी ही संजीदगी से निभाया है. अन्य सभी एक्टर्स ने अपने अपने हिस्से का योगदान दिया है.

डायरेक्शन

फिल्म की कहानी 80 के दशक के बैकड्रॉप में चलती है. निर्देशक योगेश पगारे ने छोटी से छोटी बारीकियों का ध्यान रखा है और दर्शकों को 80 के दशक में ले जाने में सफल रहे हैं. उन्होंने सभी कलाकारों से उनका अभिनय पर्दे तक लेकर लाये है. फिल्म के डॉयलॉग्स और सीन्स टू द पॉइंट रखे गए हैं, जिससे फिल्म पूरी रफ़्तार से आगे बढ़ती है और दर्शकों का इंटरेस्ट बना रहता है. फिल्म में सिनेमेटोग्राफी, कॉस्टयूम और मेकअप पर भी अच्छा काम हुआ है. निर्देशक योगेश पगारे एक इंटरनेशनल फ़िल्म के इंडियन रीमेक में सिर्फ सफल रहे है बल्कि पूरी कहानी को और असरदार तरीक़े प्रस्तुत करते हैं.

फाइनल टेक

चिरंजीवियों का उल्लेख कई धार्मिक पुस्तकों और ग्रंथो में मिलता है. यह बात सच है या नहीं यह कोई नहीं जानता सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस बात पर कितना विश्वास करते हैं. इसी तरह यह फिल्म एक बार देखनी तो बनती है उसके बाद मानो या ना मानो आपके ऊपर निर्भर करता है.

Created On :   7 Nov 2025 5:54 PM IST

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