Bihar SIR: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों का किया खंडन, इस नियम के तहत कटेंगे मतदाता सूची से नाम

- चुनाव आयोग ने बिना नियमों के मतदाताओं को काटे नाम
- इन आरोपों का आयोग ने किया खंडन
- बूथ लेवल एजेंट्स को राजनीतिक दलों द्वारा किया जाता है नियुक्त
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान 89 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। इसके लिए बिहार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था। इतना ही उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन करती है। इस आरोपों का आयोग ने खंडन करते हुए कहा प्रक्रिया के तहत नामों के हटाए गए हैं, जो कानूनी और नियमानुसार है। ये जानकारी आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी है।
इस नियम के तहत कटेंगे नाम
आयोग के मुताबिक, निर्वाचन पंजीयन नियम, 1960 के नियम 13 के तहत नाम काटे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आपत्ति सिर्फ निर्धारित फॉर्म में ही दी जा सकती है। पत्र के जरिए नहीं हटाए जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बूथ स्तर एजेंट्स, जो राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। उनके द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा 31 के अंतर्गत शपथ के साथ निर्धारित प्रपत्र में आपत्ति जमा करने का अधिकार होता है। आयोग ने जोर देते हुए कहा कि बिना सत्यापन और तय प्रक्रिया के मुताबिक किसी का भी नाम वोटर सूची से नहीं काटा जा सकता है।
आपत्तियों पर उचित कार्रवाई
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त 2025 के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिसमें 12 राजनीतिक दलों को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में गलत नामों की जनकारी सिर्फ निर्धारित प्रारूप के रूप में जमा करने के निर्देश दिया गया था। आयोग ने आगे बताया कि कांग्रेस पार्टी के जिला कमेटी अध्यक्षों द्वारा दी गई आपत्तियां पत्र में नहीं है। इसकी वजह से जिला निर्वाचन अधिकारी को ऐसे आपत्तियां उचित कार्रवाई के लिए दी जा रही है।
आयोग के अनुसार, करीब 89 लाख वोटर्स के नामों को हटाने से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुखों से नियम के तहत स्पष्टीकरण प्रारूप मांगा जाएगा। इसके बाद ही करीब 69 लाख मतदाताओं के नामों को हटाने पर निर्यण लिया जाएगा।
Created On :   1 Sept 2025 1:51 AM IST