आदर्श ग्राम योजना: मोदी की मुहिम को लगा झटका, गांव गोद लेने के लिए तैयार नहीं सांसद !

Adarsh ​​Gram Yojana Prime Minister Narendra Modi BJP MP BJP MPs are not ready to adopt villages Modi adopts four villages
आदर्श ग्राम योजना: मोदी की मुहिम को लगा झटका, गांव गोद लेने के लिए तैयार नहीं सांसद !
आदर्श ग्राम योजना: मोदी की मुहिम को लगा झटका, गांव गोद लेने के लिए तैयार नहीं सांसद !
हाईलाइट
  • आदर्श ग्राम योजना को लगा झटका !
  • गांवो को गोद लेने की लिए तैयार नहीं सांसद !
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सांसदों को लिखा पत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना मुहिम को माननीयों ने झटका दे दिया है। 2019 से 2024 के लिए योजना के शुरू हुए दूसरे चरण में आधे से भी कम सांसदों ने गांव गोद लिए हैं। इससे चिंतित ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी सांसदों को पत्र जारी कर गांव गोद लेने की अपील की है। यह हाल तब है जब 2019 में जीते नए सांसदों को गांवों को गोद लेने की ट्रेनिंग भी मिल चुकी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय अब सांसदों को गांव गोद लेने के लिए प्रेरित करने में जुटा है।

दरअसल, बीते 19 और 20 दिसंबर को ग्रामीण विकास मंत्रालय में एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें पता चला था कि करीब ढाई सौ गांवों को ही सांसदों ने गोद लिया है।19 दिसंबर से पहले और कम गांव गोद लिए गए थे, जिसके कारण 11 जुलाई और आठ अक्टूबर को दो बार ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील करनी पड़ी थी। इससे गोद लिए गांवों के आंकड़ों में कुछ सुधार आया। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग के होने के बाद अब तक फरवरी में कुल तीन सौ गांव ही गोद लिए जा चुके हैं। जबकि लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 788 सांसद हैं। 

राम मंदिर: महंत नृत्य गोपाल दास का बड़ा बयान, कहा- सरकार से नहीं लेंगे पैसा

गांवों को गोद लेने में सांसदों की इस बेरुखी को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को खास निर्देश जारी किए हैं। राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा गया है कि वे स्थानीय स्तर पर ओरिएंटेशन प्रोग्राम कर सांसदों को गांव गोद लेने के लिए प्रेरित करें। आईएएनएस के पास बीते छह फरवरी को ग्रामीण विकास मंत्रालय के पॉलिसी, प्लानिंग और मानीटरिंग डिवीजन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आशीष सक्सेना का वह पत्र है, जिसमें उन्होंने दिसंबर में हुई परफार्मेस रिव्यू कमेटी की मीटिंग के एजेंडे को सभी राज्यों के मुख्य और प्रमुख सचिवों को भेजा है। जारी निर्देशों में कहा गया है कि मीटिंग के निर्देशों के मुताबिक सांसद आदर्श ग्राम योजना में तेजी लाना जरूरी है। हर जिले के कलेक्टर हर महीने विकास कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान सांसद आदर्श ग्राम योजना की भी समीक्षा करें। सांसदों की बेरुखी का यह हाल तब है जबकि पार्लियामेंट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फार डेमोक्रेसीज की ओर से बीते तीन दिसंबर को नए सांसदों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम भी हो चुका है।

उत्तर प्रदेश के इस जिले में जमीन के नीचे मिला तीन हजार टन सोना, जानें अब क्या करेगी सरकार

क्या है योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री मोदी की मंशा है कि हर सांसद एक साल में एक गांव गोद लेकर वहां तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारकर उसे मॉडल गांव बनाएं। इस प्रकार पांच साल में एक सांसद पांच गांवों की सूरत बदलने में सफल होंगे। यह योजना दो चरणों में चल रही है। 2014 से 2019 का चरण खत्म होने के बाद अब 2019 से 2020 का चरण शुरू हो चुका है। मगर नए चरण में सांसद गांवों को गोद लेने में अपेक्षित रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांवों में हर बुनियादी सुविधा का विस्तार किया जाना है। बिजली, सड़क, पानी, स्कूल, पंचायत भवन, चौपाल, गोबर गैस प्लांट, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं का विस्तार इन गांवों में करने की योजना है। सांसदों और जिले के अफसरों को समय-समय पर गांवों में कैंप लगाकर उनकी मांगों पर गौर करने और शिकायतों को दूर करने का भी निर्देश है।

Created On :   22 Feb 2020 4:15 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story