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उप्र में पकड़ाया नकली प्रोटीन सप्लीमेंट बेचने वाला गिरोह

हाईलाइट
- उप्र में पकड़ाया नकली प्रोटीन सप्लीमेंट बेचने वाला गिरोह
मुजफ्फरनगर (उप्र), 24 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो अमेरिका और यूरोपीय ब्रांडों के नाम वाले लेबल चिपकाकर नकली प्रोटीन पाउडर बनाकर बेच रहे थे। इस गिरोह में शामिल एक आरोपी अभी फरार है।
सोमवार को कई जगहों पर हुई छापेमारी के बाद मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा, हमें इस गिरोह की गतिविधियों के बारे में लगातार इनपुट मिल रहे थे। हमारी अपराध शाखा की टीमों ने जिले में कई स्थानों पर छापेमारी करने से पहले चुपचाप पर्याप्त विवरण इकट्ठा कर लिये थे। हमने डेढ़ लाख लेबल, 572 कंटेनरों में कई किलो नकली प्रोटीन सप्लीमेंट बरामद किए हैं, जिनमें यूनिवर्सल जैसी प्रसिद्ध फर्मों के स्टिकर लगे हुए हैं। 9,500 से ज्यादा खाली बोतलें और बॉक्स, 28 बोरे काबोर्हाइड्रेट पाउडर, सैकड़ों प्रतिबंधित ड्रग्स और स्टेरॉयड भी बरामद किए हैं।
पुलिस तीनों आरोपियों - जुबैर आलम, अर्शी और अमिल से पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारी ने कहा, इनकी सप्लाई चेन बड़ी और काफी फैली हुई है। यह हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में है।
नकली सप्लीमेंट्स के बुरे प्रभावों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, इन सप्लीमेंट्स में एनाबॉलिक स्टेरॉयड जैसे डेका ड्यूरोबोलिन, टेस्टोस्टेरोन और एंड्रॉस्टेरोन आदि का बहुत अनुपात अधिक होता है, जो मांसपेशियों को तुरंत पुष्ट और ताकतवर बनाता है। इनका उपयोग पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है, विशेष रूप से खेल में। शरीर में इन पदार्थों की उपस्थिति को केवल मूत्र परीक्षण के जरिए पता लग सकता है। इन दवाओं के दुरुपयोग से गुर्दे की बीमारी और नपुंसकता भी होती है। इनका उपयोग ऐसे लोग करते हैं, जो लगातार जिम करते हैं।
2015 में हुए एक अध्ययन केसकेड (कमेटी अगेन्स्ट स्मगलिंग एंड काउंटरफिटिंग एक्टिविटीज डिस्ट्राइंग द इकोनॉमी) के अनुसार बाजार में सभी पैकेज्ड फूड का लगभग 5 में से 1 हिस्सा नकली हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
एसडीजे-एसकेपी
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।