भारत-रूस: ट्रंप की भारी टैरिफ धमकियों के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मॉस्को पहुंचे ,रूसी सरकार के सीनियर रणनीतिकारों से मुलाकात करेंगे अजित डोभाल

ट्रंप की भारी टैरिफ धमकियों के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मॉस्को पहुंचे ,रूसी सरकार के सीनियर रणनीतिकारों से मुलाकात करेंगे अजित डोभाल
  • राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं अजित डोभाल
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस महीने के अंत में रूस की यात्रा पर जाएंगे
  • भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भन्नाये हुए हैं ट्रंप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर हैवी टैरिफ लगाने की धमकियों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मॉस्को पहुंच गए हैं। यहां वो रूसी सरकार के सीनियर रणनीतिकारों से मुलाकात करेंगे। डोभाल राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं। डोभाल की रूस यात्रा पूर्व निर्धारित थी, लेकिन मौजूदा माहौल ने उनके दौरे को और भी अहम बना दिया है।

द इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार इस यात्रा में अजित डोभाल अपने रूसी समकक्ष के साथ डिफेंस डील पर भी बात कर सकते हैं। भारत और रूस बड़े रक्षा साझीदार हैं। S-400 पर भी बातचीत हो सकती है। अगस्त 2026 तक S-400 स्क्वाड्रन की डिलीवरी हो सकती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन्स के हमले को नाकाम करने में S-400 का बड़ा रोल रहा है। आपको बता दें भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से 5 S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की है। इसकी कीमत करीब 40,000 करोड़ रुपये है। इसमें से भारत को S-400 की 3 बैटरियां मिल चुकी है। इसकी तैनाती देश में हो चुकी है।

आपको बता दें ट्रंप रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर हैवी टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके है। रूस की न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक अजित डोभाल रूसी नेताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी और आपसी संबंधों को बेहतर करने पर चर्चा करेंगे। डोभाल का रूस दौरा बेहद नाजुक भू-राजनीतिक समय पर हो रहा है। भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर ट्रंप भन्नाये हुए हैं। ट्रंप ने एक साथ भारत को दो धमकियां दी है। ट्रंप ने कहा है कि भारत रूस के यूक्रेन वॉर की फंडिग मॉस्को से कच्चा तेल खरीदकर रहा है, भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए। अन्यथा अमेरिका भारत पर हैवी टैरिफ लगाएगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका ही चाहता था कि भारत सस्ता रूसी तेल खरीदे, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा की कीमतें स्थिर बनी रहें।

Created On :   6 Aug 2025 9:24 AM IST

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