जम्मू एवं कश्मीर पर कांग्रेस नेता बंटे
![Congress leaders divided over Jammu and Kashmir Congress leaders divided over Jammu and Kashmir](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/08/congress-leaders-divided-over-jammu-and-kashmir_730X365.jpg)
पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सहयोगियों की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं जानते हैं, उन्हें पार्टी में नहीं रहना चाहिए।
संसद में पत्रकारों से बात करते हुए, आजाद ने कहा, जो लोग जम्मू एवं कश्मीर और पार्टी के इतिहास को नहीं जानते हैं, मुझे उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के साथ कांग्रेस के इतिहास का अध्ययन करने की आवश्यकता है। इसके बाद ही उन्हें पार्टी में रहना चाहिए।
आजाद की टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तर प्रदेश की विधायक अदिति सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे कई नेताओं के बयान के बाद आई है। इन नेताओं ने अनुच्छेद-370 को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले का समर्थन किया है।
सोमवार को मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करने वाले द्विवेदी पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद की गई गलती को ठीक कर दिया गया है।
इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस के नेता और रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ट्विटर पर लिखा, मैं पहले ही इस विचार का समर्थन कर चुका हूं कि 21वीं सदी में अनुच्छेद-370 के लिए कोई जगह नहीं है और इसे जरूर हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह फैसला देश और जम्मू-कश्मीर के लोगों की अखंडता के लिए अच्छा है, जो हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। लेकिन यह वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है कि वह विश्वास और शांति के वातावरण को लागू करे।
रायबरेली की विधायक अदिति सिंह ने भी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, हम एकजुट हैं। जय हिंद। अनुच्छेद-370।
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव पेश करने से पहले ही कांग्रेस के सचेतक भुवनेश्वर कलिता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कार्यकारी शक्ति का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर है। उन्होंने एक ट्वीट में जम्मू एवं कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी की भी आलोचना की।
राज्यसभा और लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अनुच्छेद-370 को रद्द करने और राज्य को विभाजित करने के सरकार के फैसले का विरोध किया है।
--आईएएनएस
Created On :   6 Aug 2019 1:31 PM GMT