जानिए क्या हैं मंगल दोष से निवारण के उपाय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मंगल ग्रह को कुंडली में सबसे विशेष स्थान दिया जाता है। कुंडली द्वारा यही ग्रह जीवन में शुभ-अशुभ कार्यों का कारक होता है। किसी की भी कुंडली में मंगल का भाव एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति को प्रसिद्धि और सम्मान की ऊंचाइयां भी दे सकता है, वहीं उसकी बदनामी का कारण भी बन सकता है। मंगल की उच्च दशाएं या शुभ दृष्टि व्यक्ति को साहसी, पराक्रमी और अपने कार्यों में दक्ष बनाती हैं, वहीं कमजोर या अशुभ मंगल व्यक्ति को डब्बू या क्रूर भी बना सकती हैं।
ऐसे लोगों का व्यक्तिगत जीवन अशांति से पीड़ित होता है और सामाजिक रूप से वह हमेशा किसी ना किसी विवाद में घिरा रहता है। मंगल की कुछ अशुभ दशाएं उस स्थिति में बहुत ही भयानक हो जाती हैं जब ये व्यक्ति को अति से ज्यादा क्रूर बना देती हैं। इस प्रकार का व्यक्ति किसी की हत्या तक कर सकता है। इसलिए नीच मंगल का उपचार करना बहुत ही आवश्यक है। वक्री या अस्त मंगल अशुभ स्थितियां पैदा करता है। ऐसी कुंडली वाले व्यक्ति अत्यधिक क्रोधी हो सकते हैं। ये सदा किसी ना किसी बात पर दुखी रहते हैं, ऐसे में कई बार परिस्थितियों से हारकर ये अत्यधिक क्रूर भी हो जाते हैं।
और यदि आपको फिर भी आराम ना लगे तो किसी भी प्रकार के मंगल दोष और इसके दुष्प्रभावों से बचने या इससे मुक्त होने के लिए मंगलवार के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर हनुमान जी का ध्यान करें और किसी भी लाल गाय को लाल चंदन का टीका लगाकर उसे लाल फूलों की माला पहनाएं। अब उसे यथा सामर्थ्य मसूर दाल और गुड़ खिलाएं। हर मंगलवार को यह उपाय करें, जल्द ही परिणाम मिलेंगे।
मंगल ग्रह का रत्न मूंगा धारण करें या दान करें, लेकिन यह किसी जानकार ज्योतिषी की सलाह से पूरे विधि-विधान से ही करें। इसके अलावा अनंतमूल और नाग्जिह्वा की जड़ धारण करना भी मंगल को शुभ दशाओं में लाता है।
अगर संभव हो, तो हर मंगलवार को नहाने के पानी में लाल फूल, लाल चंदन, गोदंती, बेल की छाल और मौलश्री डालकर स्नान करें। नियमित रूप से हर मंगलवार को ऐसा करना आपको ना सिर्फ मंगल के हर प्रकार के अशुभ प्रभाव से बचाएगा, और यदि कुंडली में नीच मंगल है या इसकी अशुभ दशाएं हों, तो वह भी धीरे-धीरे ठीक हो जाती हैं।
अगर कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी ना हो तो जातक को एक सुयोग्य ब्राह्मण द्वारा इसका उपाय कराना चाहिए। कई जानकार ये भी मानते हैं कि मंगल ग्रह के उपाय करने से शादी में आ रही परेशानी को दूर किया जा सकता है। मंगल ग्रह के कुछ आसान उपाय निम्न हैं।
प्रथम भाव में मंगल नीच या उचित फल देने वाला ना हो तो ऐसे जातकों को ससुराल से कुत्ता नहीं लेना चाहिए। शरीर पर सोना धारण करना चाहिए।
दूसरे भाव में मंगल ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए भाइयों का सदा आदर करना चाहिए।
तीसरे भाव में मंगल ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और हमेशा सबसे प्यार से बात करना चाहिए।
चौथे भाव में बैठे मंगल के कारण आपको परेशानी हो रही है तो वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं। अपने पास सदैव चांदी रखें, अंधजनों या जिनकी एक आंख हो उनसे दूरी बनाए रखें तथा चिड़ियों को दाना डालें।
पंचम भाव में मंगल की पीड़ा शांत करने के लिए जातक रात के समय सर के पास पानी रखकर सोएं और इस जल को सुबह पेड़ में डाल दें, पिता के नाम पर दूध का दान करें तथा पराई स्त्री से संबंध बनाने से बचें।
छठे भाव में मंगल ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जल, चांदी और तेल का दान दें, शनि को शांत करने के उपाय करें तथा पुत्र को कभी सोना न पहनाएं।
सातवें भाव में अगर मंगल ग्रह से आपको हानि हो रही हो तो घर में ठोस चांदी रखें, तोता-मैना या कोई अन्य पक्षी ना पालें तथा जब भी बहन घर आए तो उसे मिठाई दें।
आठवें भाव में मंगल ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए विधवा स्त्रियों की सेवा करें और गले में चांदी की चेन पहनें, तंदूरी मीठी रोटी कुत्ते को 40 या 45 दिन तक खिलाएं।
नौवें भाव में मंगल ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए या इनके दुष्परिणामों से बचने के लिए भाभी की सेवा करें और बड़े भाई के साथ रहें तथा दूध, गुड़ और चावल का मंदिर में दान करें।
दसवें भाव में मंगल ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए जमीन जायदाद और सोना-चांदी कभी ना बेचें, हिरण पालें, संतानहीन लोगों की मदद करें तथा ध्यान दें कि दूध कभी उबलकर ना गिरे।
ग्याहरवें भाव में मंगल है और जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो पैतृक संपत्ति कभी ना बेचें, पहली संतान के जन्म पर कुत्ता पालें तथा घर में शहद रखें।
बारहवें भाव में बैठे मंगल ग्रह की पीड़ा या अशुभ फलों को कम करने के लिए अपने दिन की शुरूआत शहद के साथ करें, मीठा खाएं और दूसरों को भी खिलाएं तथा अतिथि सत्कार में पानी
की जगह शरबत या दूध पिलाएं।
मंगल की अशुभता व्यक्ति को कभी कर्ज से मुक्त नहीं होने देती। ऐसे में मंगलवार का व्रत करने के साथ ही ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करना मंगल को शुभ स्थितियों में लाकर कर्ज से मुक्ति दिला सकता है। दूसरे दिन व्रत का पारण करते हुए यह ध्यान रखें इसमें बिना नमक की खाद्य वस्तुएं हों। गुड़ डालकर बना बेसन या आटे के लड्डू इसके लिए सबसे अच्छा होगा।
वैसे तो मंगल के दोषों से मुक्ति के लिए हनुमान जी की उपासना करना हमेशा ही शुभ फलदायी माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तु, खाद्य पदार्थ और वस्त्र का उपयोग इसमें लाभकारी माने गए हैं। इसके अलावा तांबा, लाल वस्त्र, मसूर दाल, गुड़, नारियल आदि का दान करना भी मंगल के दोष को कम करता है।
शुभ प्रभावों से व्यक्ति को राजकीय सम्मान भी मिल सकता है। सामान्य स्थितियों में ऐसे व्यक्ति अपने भाग्य या नौकरी में सफलता पाते हैं। ये विशेषकर पुलिस या प्रशासन के कार्यों से जुड़े होते हैं। इसके ठीक विपरीत अत्यधिक अशुभ मंगल व्यक्ति को अपराधी भी बना सकता है। कुंडली में मांगलिक दोष का अध्ययन भी मंगल ग्रह की दशा को देखकर ही किया जाता है। अगर कुंडली में मंगल दोषयुक्त हो तो यह शादी-ब्याह में अड़चने पैदा करता है और वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर देता है। विवाह के पश्चात भी अगर मंगल दोष मुक्त ना हो तो स्थिति विवाह-विच्छेद या संतान प्राप्ति में गंभीर समस्याएं तक आ जाती है।
Created On :   7 Aug 2018 11:54 AM GMT