राज्यसभा ने सुषमा स्वराज के सम्मान में कुछ विधेयक टाले

सदन ने हालांकि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने वाले विधेयक को बिना चर्चा के लोकसभा में वापस भेज दिया।
शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 30 से बढ़ाकर 33 करने वाला धन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस विधेयक पर इस शर्त पर राजी हो गई कि इस पर चर्चा बाद में होगी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही, सभापति एम.वेंकैया नायडू ने सुषमा स्वराज के प्रति शोक संदेश पढ़ा और सदस्यों ने उनके सम्मान में मौन रखा।
इसके बाद संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सुषमा स्वराज के सम्मान में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक बिना चर्चा के पारित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विधेयक को चर्चा होने और सदन की अगली कार्यवाही तक स्थगित करने की सलाह दी।
उन्होंने विधेयक के प्रमुख प्रावधानों पर आपत्ति जताई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक में ट्रस्टी के पद से हटा दिया गया है।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस विधेयक को दो-तीन महीने बाद लाया जाएगा तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
आनंद शर्मा ने कहा कि उस पार्टी के साथ किसी को अन्याय नहीं करना चाहिए जिसने स्वाधीनता संग्राम में अगुआई की। उन्होंने सरकार से दिल बड़ा करने का आग्रह किया।
लेकिन संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विधेयक को बिना चर्चा के पारित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं है तो सदन में चर्चा और मतदान नहीं हो सकता।
इस मुद्दे पर सदन में दोराय होते ही, विभिन्न राजनीति पार्टियों के नेताओं की सलाह पर विधेयक को स्थगित कर दिया गया।
इसके अलावा दम सफेदी विधेयक, 2019 और ट्रांसजेंडर्स र्पसस (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 को भी टाल दिया गया।
इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
--आईएएनएस
Created On :   7 Aug 2019 6:00 PM IST