जम्मू एवं कश्मीर पर गृहमंत्री और कांग्रेस नेता के बीच मौखिक झड़प

Verbal clash between Home Minister and Congress leader over Jammu and Kashmir
जम्मू एवं कश्मीर पर गृहमंत्री और कांग्रेस नेता के बीच मौखिक झड़प
जम्मू एवं कश्मीर पर गृहमंत्री और कांग्रेस नेता के बीच मौखिक झड़प
नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को द्विभाजित करने के लिए मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने एक प्रस्ताव पेश किया।

प्रस्ताव पेश किए जाने के तुरंत बाद सदन में उनके और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच एक मौखिक झड़प देखने को मिली।

शुरुआती टिप्पणी करने के लिए अपनी सीट से उठकर चौधरी ने गृहमंत्री शाह से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर सरकार की स्थिति के बारे में जानना चाहा।

1994 में सदन द्वारा पूरे जम्मू एवं कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए एक प्रस्ताव का उल्लेख किया गया था।

उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को द्विभाजित करके उसे केंद्रीय शासित प्रदेश बनाने के लिए सरकार ने सारे नियम कानूनों को खिड़की से उठाकर बाहर फैंक दिया।

इस बयान पर गृहमंत्री ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि चौधरी सामान्य बयान देने से बचें। उन्होंने कहा, संसद हमारे देश की सबसे बड़ी पंचायत है और यहां की कार्रवाई दुनियाभर में देखी जा रही है।

मंत्री ने अपनी बुलंद आवाज में कहा, सामान्य बयान नहीं दिए जाने चाहिए। यह हमारे देश की सबसे बड़ी पंचायत है। कृपया हमें बताएं कौन से नियम का उल्लंघन किया गया है। मैं उसका जवाब दूंगा।

मामला यहीं नहीं रुका, कांग्रेस नेता ने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि हमें यह बताएं यदि यह क्षेत्र एक आंतरिक मुद्दा है, तो संयुक्त राष्ट्र कश्मीर की निगरानी कैसे कर रहा है।

शाह ने तुरंत हस्तक्षेप किया और यह जानने की कोशिश की कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर की निगरानी कर सकता है या नहीं इस पर कांग्रेस का क्या पक्ष है।

गृहमंत्री ने चौधरी से बार-बार इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 और विधेयक को निरस्त करने का समर्थन कर रही हैं या नहीं।

मौखिक झड़प उस वक्त शांत हुई जब चौधरी ने कहा कि वह सरकार से इस संबंध पर केवल स्पष्टीकरण और जानकारी मांग रहे हैं।

--आईएएनएस

Created On :   6 Aug 2019 3:01 PM IST

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