पीडीए की काट न ढूंढ पा रही भाजपा, जनता देगी जवाब सपा सांसद इकरा हसन

शामली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में जातीय आधारित रैलियों, वाहनों पर जाति नाम अंकित करने और गांव-शहरों के बॉर्डर पर जातिगत साइन बोर्ड लगाने पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर सियासत तेज हो गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर योगी सरकार ने 21 सितंबर को शासनादेश जारी कर इन पर पूर्ण रोक लगा दी, जिसे सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय एकता के लिए जरूरी बताया। लेकिन विपक्ष इसे सरकार की बौखलाहट का परिणाम मान रहा है। कैराना से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन ने बुधवार को इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'तानाशाही का नया फरमान' करार दिया।
इकरा हसन ने शामली में आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भाजपा अपनी सत्ता खिसकते देख डर गई है और पीडीए (पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस) की बढ़ती ताकत की काट ढूंढ रही है। उन्होंने कहा, "यह फिर से एक नया फरमान है, जो तानाशाही का लगातार प्रदेश की जनता पर थोपा जा रहा है। यह स्पष्ट तौर पर दिखता है कि भाजपा बौखलाहट में है। वे कितने डर चुके हैं, क्योंकि कोई वर्ग या समाज उनसे आज खुश नहीं है।"
उन्होंने शासनादेश को देश की सांस्कृतिक खूबसूरती और विभिन्नता में एकता के खिलाफ बताया और कहा, "हमारा देश विभिन्नता में एकता के लिए जाना जाता है। अगर ऐसे फरमान जारी किए जाएंगे, तो बहुत से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। हम इसका विरोध करते हैं। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि विभिन्न समाज, भाषा और मजहब के लोग एक माला में पिरोए जाएं। लेकिन यह सरकार किसी की भावनाओं को दबाने और ठेस पहुंचाने का काम कर रही है, जो देश की संस्कृति और मर्यादा के खिलाफ है। यह हमें बिल्कुल नागवार गुजर रहा है।"
इकरा हसन ने कहा, "सरकार जानबूझकर माहौल खराब करने वाली चीजें ला रही है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। यह सरकार की बौखलाहट है। लोग समझ चुके हैं कि ये डर गए हैं। उनकी राजनीति खत्म होती जा रही है। लोग उनकी काट वाली राजनीति से ऊपर उठने वाले हैं। दुनिया में भारत का स्तर कहां से कहां आ गया। पीडीए उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है, जिसका परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखा। हर वर्ग, हर पीड़ित वर्ग पीडीए से जुड़ रहा है। भाजपा को सीखना चाहिए, लेकिन इस तरह की काट से कुछ नहीं होगा। जनता समझ चुकी है, इन्हें और मुंह की खानी पड़ेगी।"
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Created On :   24 Sept 2025 8:49 PM IST