'पीएम मोदी के स्वदेशी अभियान को घर-घर तक ले जाएंगे', गयाजी की नूरजहां खातून

गयाजी, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के गयाजी की नूरजहां खातून ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के प्रति खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे बहुत खुश हैं कि पीएम मोदी ने इस योजना के तहत हम महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की सहायता राशि दी है।
नूरजहां खातून उन चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने शुक्रवार को पीएम मोदी से बात की। नूरजहां खातून ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार से बातचीत करने का मौका मिला है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें सप्ताह में एक दिन समय निकालकर 50 से 100 महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि मैं बहुत अच्छे से लोगों को समझाती हूं और महिलाओं को जागरूक करूं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और आर्थिक रूप से सशक्त होकर बेहतर जीवन जी सकें।
उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत को गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि उनसे बात करके मुझे बहुत खुशी हुई। यह मेरे लिए गर्व का पल है।
नूरजहां ने बताया कि वह गुलाब जीविका समूह से जुड़ी हैं और सिलाई की दुकान चलाती हैं। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जो सहायता राशि मिलेगी, उससे सिलाई की दुकान को बढ़ाएंगी। पति-पत्नी मिलकर इस व्यवसाय को संभालेंगे।
उन्होंने बताया कि वे इस दुकान से 10 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं। वे अब कपड़ा निर्माण और बिक्री के जरिए व्यवसाय को विस्तार देने की योजना बना रही हैं।
नूरजहां ने कहा कि 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से गरीबों के घर में रोशनी आई है। इससे बचे पैसे से बच्चों की पढ़ाई और दवाइयों का खर्च उठाया जा रहा है। इससे पहले भी नूरजहां ने बिहार सरकार की 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संवाद किया था और उन्हें धन्यवाद दिया था।
उन्होंने कहा कि इस योजना से गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए संसाधन मिल रहे हैं और परिवार को इलाज में भी मदद मिल रही है।
नूरजहां ने स्वदेशी अभियान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वे घर-घर तक पीएम मोदी के इस अभियान को लेकर जाएंगी।
उन्होंने कहा कि हम 10 हजार रुपए के उपहार से बहुत खुश हैं, क्योंकि यह हमें अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर देता है। पहले परिवारों को हमारा बाहर जाना पसंद नहीं था। आज आत्मनिर्भरता के कारण परिवार हमारा सम्मान करता है। पहले हम अपने पतियों को अपनी संपत्ति मानती थीं, अब हमारे पति हमें लखपति मानते हैं।
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Created On :   26 Sept 2025 2:24 PM IST