'भारत' अस्थिर दुनिया में स्थिरता का एक दुर्लभ स्तंभ बना हुआ आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने शुक्रवार को कहा कि व्यापार विवाद और भू-राजनीतिक झटकों से पैदा वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, 'भारत' अस्थिर दुनिया में स्थिरता का एक दुर्लभ स्तंभ बना हुआ है।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने शुक्रवार को कहा कि व्यापार विवाद और भू-राजनीतिक झटकों से पैदा वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, 'भारत' अस्थिर दुनिया में स्थिरता का एक दुर्लभ स्तंभ बना हुआ है।

चौथे कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में अपने संबोधन में आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ​​ने कहा कि नीतिगत निरंतरता, संस्थागत मजबूती और सुधार की गति ने भारत को गंभीर वित्तीय संकट से बचने और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने में मदद की है।

आरबीआई गवर्नर ने अमेरिका के टैरिफ विवाद और अन्य वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने को लेकर भारत और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतर पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "भारत के मैक्रोइकॉनमिक आधार मजबूत बने हुए हैं, जिसमें कम महंगाई, स्वस्थ विदेशी मुद्रा भंडार, कम चालू खाता घाटा और बैंकों और कॉर्पोरेट कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट शामिल है।"

उन्होंने आगे कहा, "यह सरकार के नीति निर्माताओं, नियामकों और विनियमित संस्थाओं की संयुक्त कोशिशों का परिणाम है। कुल मिलाकर, हाल की चुनौतियों के बावजूद, अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि के संतुलन में अच्छी तरह से स्थापित होती दिख रही है।"

आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ​​ने कहा कि पिछले दो दशकों में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को मूल्य स्थिरता के स्थिर रक्षक से लेकर लगातार झटकों के युग में पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में भूमिका निभाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसमें 2008 का वित्तीय संकट, यूरोजोन का कर्ज संकट, कोरोना महामारी, यूक्रेन-रूस का युद्ध और जलवायु संबंधी व्यवधान शामिल हैं।

उन्होंने कहा, "आप तूफान को तो नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन आप निश्चित रूप से नाव को सही दिशा में ले जा सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि आगे की बात करें तो वैश्विक अर्थव्यवस्था आने वाले कई वर्षों तक अपनी वास्तविक क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। उच्च टैरिफ, बढ़ता सार्वजनिक ऋण और इक्विटी बाजार में निवेशकों की लापरवाही ऐसे जोखिम पैदा करते हैं, जिनका पूरी तरह से आकलन नहीं किया गया है, जिससे कई अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति पर राजकोषीय नियंत्रण का खतरा बढ़ सकता है।

आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ​​ने कहा, "सोने की कीमतें वैश्विक अनिश्चितता के एक बैरोमीटर के रूप में तेल की कीमतों की तरह व्यवहार कर रही हैं।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   3 Oct 2025 6:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story